यशवंत क्लब में सदस्यता अभी नहीं मिलेगी, 'द सूत्र' की खबर फिर 100% सही

'द सूत्र' ने खुलासा किया था कि चूंकि संविधान संशोधन 25 फरवरी से मंजूर हुआ, ऐसे में यशवंत क्लब द्वारा पूर्व में की गई सारी प्रक्रिया विधिक रूप से मान्य नहीं हो सकती है। इसमें क्लब ने संविधान संशोधन के पहले ही आवेदकों से फार्म ले लिए...

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Jitendra Shrivastava
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यशवंत क्लब में सदस्यता अभी नहीं मिलेगी।

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संजय गुप्ता, INDORE. यशवंत क्लब में सौ नए सदस्य बनाने के मामले में 'द सूत्र' द्वारा 25 फरवरी को दी गई खबर पर क्लब ने ही मुहर लगा दी है। 'द सूत्र' की खबर सौ फीसदी सही साबित हुई है। नए सदस्यतों की सदस्यता प्रक्रिया रोक दी गई है और पहले चरण में छांटे गए सदस्यों से ली गई करीब 29 लाख की राशि वापस लौटा दी गई है। 

फर्म्स एंड सोसायटी ने संविधान संशोधन को बैकडेट से नहीं दी थी मंजूरी

दरअसल क्लब ने तय किया था कि हर साल 25 नए सदस्यों को सदस्यता देंगे और कुल सौ नए सदस्य नई कैटेगरी में बनाए जाएंगे। इससे फंड का उपयोग क्लब विकास में होगा, लेकिन क्लब सदस्य बलमीत सिंह छाबड़ा की याचिका पर जिसमें कहा गया कि संविधान संशोधन किए बिना यह प्रक्रिया की जा रही है, पर फर्म्स एंड सोसायटी ने अक्टूबर 2023 में प्रक्रिया को स्टे कर दिया। मामला फिर हाईकोर्ट गया, जहां से दो सप्ताह में निराकरण के आदेश हुए। इसके बाद 25 फरवरी को सोसायटी असिस्टेंट रजिस्ट्रार ने आदेश दिए कि आदेश के दिनांक से संविधान संशोधन को मंजूरी दी जाती है। 

'द सूत्र' ने बताया था अब पुराने फार्म का कोई मतलब नहीं

इसके बाद 'द सूत्र' ने खुलासा किया था कि चूंकि संविधान संशोधन 25 फरवरी से मंजूर हुआ, ऐसे में क्लब द्वारा पूर्व में की गई सारी प्रक्रिया विधिक रूप से मान्य नहीं हो सकती है। इसमें क्लब ने संविधान संशोधन के पहले ही आवेदकों से फार्म ले लिए, कुल 210 फार्म आए, अपने स्तर पर ही स्क्रूटनी कर 172 फार्म स्वीकर किए बाकी रिजेक्ट किए। इसके बाद मैनेजिंग कमेटी ने अपनी ही मनमर्जी से इन फार्म की प्राथमिकता क्रम भी तय कर लिया कि पहले किन्हें सदस्य बनाएंगे और 172वें नंबर पर किसका नंबर रहेगा। चूंकि सोसायटी ने 25 फरवरी को संविधान संशोधन मंजूर किया, ऐसे में यह पुराने फार्म और प्रक्रिया विधिक रूप से सही नहीं होगी। फिर सदस्यता प्रक्रिया करना होगी। अब वही हुआ और क्लब ने सभी के राशि लौटा दी है। 

जून में चुनाव, इसके बाद नई कमेटी ही करेगी प्रक्रिया

जून में क्लब के चुनाव होना है। यानी कि नई मैनेजिंग कमेटी बनने के बाद ही अब क्लब जुलाई-अगस्त में ही फिर से नए सिरे से प्रक्रिया करेगा। वहीं शहर के 172 नामचीन हस्तियों की सदस्यता की मंशा धूमिल हो गई है। इसमें कई भ्रष्टाचार से लेकर विविध मामलों के आरोपी भी है, जिनके फार्म क्लब ने मंजूर किए थे। 

इसलिए हुआ था सदस्यता विवाद

चेयरमैन टोनी सचदेवा और सचिव संजय गोरानी की मैनेजिंग कमेटी नेर क्लब संविधान में संशोधन कर सदस्यता की नई कैटेगरी का प्रस्ताव 29 जून 2023 को एजीएम में और फिर 18 अगस्त 2023 ईओजीएम में पास किया। इसके साथ ही सदस्यता की प्रक्रिया शुरू कर दी। इसमें करीब 210 आवेदन पहुंचे, लेकिन इसमें से कई आवेदन खारिज कर 172 को मंजूर किया गया। इसे लेकर क्लब सदस्य बलमीत सिंह छाबड़ा ने फर्म्स एंड सोसायटी में केस लगा दिया, याचिका में यही था कि बिना संविधान संशोधन मंजूर हुए ही यह प्रक्रिया की जा रही है। जिससे अक्टूबर में सदस्यता प्रक्रिया पर स्टे हो गया। बाद में क्लब हाईकोर्ट गया, जिस पर आदेश हुए कि फर्म्स एंड सोसायटी दो सप्ताह में इस पर फैसला करें। 

172 सदस्यता के लिए यह थे प्रमुख नाम

पहले नंबर पर डॉ. अमित नाहर है फिर सर्वेश झंवर, गिराज डागा, निरमित शाह, पराग देसाई, निलेश अग्रवाल, दिशा बक्सी, मेहुल मेहता. सौरभ मेहता. हरपाल उर्फ मोन सिंह भाटिया के साथ ही हितेंद्र मेहता, भरत शाह, सौरभ डाफरिया, अमित लालवानी, अमित वाधवानी, नीलेश काबरा, विवेक दम्मामनी, चिराग गर्ग, शांतनु सिंह ठाकुर, अक्षत चेलावत, गौरव चावला, अजय देसाई, कबीर चुग, संजय दासौद, गोपाल गोयल, नीलेश पोरवाल, दीपक जैन, नीतेश चुग, पराक्रम सिंह चंद्रावत आदि शामिल थे।

 

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