BHOPAL. मध्यप्रदेश में जो हाल कांग्रेस के मुख्य संगठन के है यूथ कांग्रेस की हालत भी उससे अलग नहीं है। जैसे प्रदेश कांग्रेस संगठन का विस्तार विधानसभा चुनाव के बाद से अटका हुआ है। कई जिले और ब्लॉक में पार्टी बिना जिला अध्यक्ष के चल रहे हैं वैसे ही यूथ कांग्रेस का चुनाव भी गुटबाजी और नेताओं के रसूख में दबा नजर आ रहा है। एक महीने पहले यूथ कांग्रेस में जिस तेजी से संगठन चुनाव की तैयारी हुई थी अब सब ठंडा पड़ चुका है। जिला अध्यक्षों की लिस्ट भी पीसीसी में नेताओं के चेंबरों से होते हुए कहीं गायब हो चुकी है। इस वजह से संगठन चुनाव को लेकर जिन युवा नेताओं में जोश दिख रहा था अब वे भी नजर नहीं आ रहे हैं।
अब तक उम्मीदवारों का पता नहीं
मध्यप्रदेश पीसीसी के युवा संगठन यूथ कांग्रेस के संगठन चुनाव की सारी औपचारिकता बीते माह ही पूरी हो चुकी है। जिला अध्यक्ष के पद पर चुनाव लड़ने के लिए युवा नेताओं की दावेदारी सामने आने और स्क्रूटनी के बाद मैदान में शेष रहे उम्मीदवारों के नाम भी तय हो गए थे लेकिन अब चुनाव की चर्चा भी नहीं हो रही है। पार्टी द्वारा चुनाव कार्यक्रम घोषित किया था उसके तहत 11 मई को चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की सूची जारी की जानी थी। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा और उम्मीदवारी के लिए आपराधिक प्रकरण दर्ज न होने की बाध्यता ने पेंच फंसा दिया। वहीं उम्मीदवारी की आयु को लेकर भी पार्टी के नेता एक राय नहीं है इस वजह से कार्यक्रम के अनुरूप चुनाव प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी।
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युवा नेताओं में नहीं चुनावी जोश
यूथ कांग्रेस चुनाव कराने का दायित्व जिन नेताओं को सौंपा गया है वे भी अलग- अलग अंचल में प्रभाव रखने वाले पार्टी नेताओं की राय से अलग नहीं जाना चाहते। कांग्रेस नेता अपने प्रभाव क्षेत्र में अपने गुट या पसंद के युवा को यूथ कांग्रेस अध्यक्ष बनाने जोर लगाए बैठे हैं। इसी वजह से उम्मीदवारों के नामांकनों की स्क्रूटनी अटकी हुई है। हांलाकि पूर्व से तय गाइडलाइन के मुताबिक चुनाव मैदान में लिए उम्मीदवारों के नाम तय हो चुके हैं लेकिन अब तक अंतिम सूची जारी नहीं की जा सकी है। वहीं अपनी पसंद या गुट से बाहर के युवा नेताओं की उम्मीदवारी की शिकायतों ने भी चुपदाधिकारियों की मुश्किल बढ़ा दी है।
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राहुल दूर नहीं कर सके तकरार
हाल ही में राहुल गांधी के दौरे के बाद पीसीसी में कांग्रेस नेता एकजुट रहने की कसमें खा चुके हैं लेकिन हकीकत सबके सामने है। स्थिति ये है कि वरिष्ठ नेताओं की आपसी तकरार से बचने के लिए राज्य के 100 से ज्यादा ब्लॉक में युवा कांग्रेस नेता अपनी दावेदारी से भी कतरा रहे हैं। अब तक इन ब्लॉक में चुनाव लड़ने के लिए किसी ने युवा नेता ने नामांकन ही जमा नहीं कराया है। अब ऐसे ब्लॉक में नए सिरे से नामांकन बुलाने या पीसीसी से अध्यक्ष के मनोनयन पर विचार जारी है।
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पेंचों में उलझा चुनावी कार्यक्रम
दरअसल पीसीसी से मार्च के अंत में कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव कार्यक्रम घोषित किया गया था। इसके तहत 19 से 25 अप्रेल के बीच पदाधिकारियों द्वारा जिलों का दौरा किया जाना था। वहीं नामांकन की प्रक्रिया के लिए 27 अप्रेल से 6 मई का समय निर्धारित किया गया था जबकि दावे आपत्तियों की सुनवाई 28 अप्रेल से 7 मई के बीच होनी थी। स्क्रूटनी के लिए 7 से 9 मई का समय तय था जिसके बाद 11 मई तक चुनाव मैदान में शेष रहने वाले उम्मीदवारों की सूची जारी की जानी थी। लेकिन 11 मई से लेकर 12 जून हो चुका है और यूथ कांग्रेस का चुनाव लड़ने वालों का पता है न चुनाव कार्यक्रम का। संगठन के पदाधिकारी भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।
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