इंदौर के ‘युग पुरुष’ आश्रम में हुई 6 बच्चों की मौत के मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय यानी नरेंद्र मोदी के ऑफिस (PMO) और केंद्रीय महिला और बाल विकास विभाग की मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने संज्ञान लेकर जांच दल को इंदौर भेजा है। यह बात खुद राष्ट्रीय महिला और बाल आयोग की सदस्य डॉ. दिव्या गुप्ता ने शनिवार को इंदौर में कही। यह रिपोर्ट पहले पीएमओ को सबमिट होगी, लेकिन इधर मप्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम को मामले की जानकारी नहीं है और संबंधित विभाग के अधिकारी सुस्त है। ले देकर जिला प्रशासन में कलेक्टर आशीष सिंह और अपर कलेक्टर गौरव बैनल की ही मामले में गंभीरता दिखी है।
प्रधानमंत्री काफी संवेदनशील, पीएमओ को सबमिट होगी रिपोर्ट
डॉ. गुप्ता ने बताया कि केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने रिपोर्ट मांगी है और उनकी ओर से पीएमओ को रिपोर्ट जानी है। पीएमओ से रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। अब मामला इंदौर का नहीं राज्य और राष्ट्रीय दोनों का हो गया है। उन्होंने कहा कि बच्चों को कितनी गंभीरता से लेना चाहिए इसे लेकर प्रधानमंत्री हमेशा संवेदनशील रहते हैं। उन्होंने आग्रह किया है कि इस विषय को लेकर आप पूरी तहकीकात करके आएं। यह विस्तृत रिपोर्ट बनेगी और वहां सबमिट की जाएगी।
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अधिकारियों का यह रहा रवैया
डॉ. गुप्ता ने सुबह अधिकारियों की बैठक ली, लेकिन इसमें जिस विभाग की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी बनती है वह महिला व बाल विभाग के अधिकारी रामनिवास बुधौलिया (जो बच्चों की मौत के समय आश्रम में जांच के दौरान एसडीएम ओम बड़कुल के साथ हंसी ठहाके लगा रहे थे ) गायब हुए। जब डॉ. गुप्ता ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा तो कहा कि घर में शादी हैं मैं छुट्टी पर आ गया हूं। उनका स्पष्टीकरण आयोग ने खारिज कर दिया और लिखित जवाब मांगा है। वहीं ले देकर बैठक में एसडीएम निधि वर्मा ही थी। इसके पहले जांच अधिकारी व अपर कलेक्टर राजेंद्र रघवुंशी तो दो जुलाई को ही आधे घंटे की जांच में आश्रम प्रबंधन को क्लीन चिट दे चुके हैं।
डिप्टी सीएम शुक्ल का यह बयान
वहीं जब शनिवार को ही इंदौर आए डिप्टी सीएम शुक्ल से बच्चों की मौत को लेकर पूछा गया तो उन्होंने टका सा जवाब दे दिया, जानकारी अभी लेना है, इसके बाद ही कहेंगे। जबकि मौत का सिलसिला 30 जून से चल रहा है और 80 से ज्यादा बच्चे कॉलरा से संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग भी मंत्रीजी के पास ही है।
डॉ. गुप्ता ने दस्तावेड, डिस्क सभी जब्त किए
वहीं डॉ. गुप्ता ने अधिकारियों के साथ बैठक के बाद आश्रम का दौरा किया और जांच दल ने दस्तावेजों का पुलिंदा और हार्ड डिस्क जांच में ली है। साथ ही यहां की जांच में क्या पाया, उसके दस्तावेज भी हासिल किए हैं। जांच टीम की सदस्य डॉ. गुप्ता ने बताया कि आज हमें आश्रम में वो अनियमितताएं नहीं मिली हैं जो चर्चा में थी। दरअसल अब आश्रम में पूरी तरह से साफ-सफाई हो गई है। रंगाई-पुताई चल रही है। पुराने गद्दे फेंक दिए गए हैं। कूलर-पंखे आ गए हैं। रसोई और पानी की टंकी भी साफ हो गई है। यानी प्रथम दृष्टया जो प्रमाण थे वे आज तो मौजूद नहीं हैं। हम ऐसे बहुत सारे डाक्युमेंट्स साथ में लेकर दिल्ली जा रहे हैं। इसमें वहां जो भी मिला था वह रिपोर्ट में है।
यह भी साथ में ले जा रहे
बकौल डॉ. गुप्ता जब वहां डॉक्टरों ने आखिरी बार 27 जून को निरीक्षण-परीक्षण किया था, जांच में उसकी फाइल और पेपर्स हैं। इसमें मिर्गी के दवाइयों का जो परीक्षण कर रहे थे, उसकी डिटेल्स रिपोर्ट है। जो ऑडिट आया है उसकी भी डिटेल्स है। पूरा पेपर वर्क और हार्ड डिस्क भी साथ में लेकर जा रहे हैं। इन सभी का दिल्ली में एनालिसिस होगा। इसके बाद राज्य और केंद्र सरकार को रिपोर्ट सबमिट करनी है।
इंदौर के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल
डॉ. गुप्ता ने अधिकारियों पर सवाल उठाए कि उन्हें वहां नियमित रूप से जाकर संज्ञान लेना था, निरीक्षण करना था। उनकी जिम्मेदारी थी, उसमें भी कहीं वे खरे नहीं उतर पाए हैं। उस बात को भी संज्ञान में लेना चाहिए। इस केस में हर चीज का पहलू है। उसकी डिटेल्स में जानकारी लेंगे। इसके बाद हम सरकार से अनुशंसा करेंगे कि किस तरह का स्टेप लेना है। हालांकि, कलेक्टर ने शोकाज नोटिस दिया है और तुरंत एक्शन भी लिया है। अब आगे देखना है। बाकी एक्शन निश्चित तौर पर होगा।