Expose : युगपुरुष आश्रम में 6 नहीं 10 बच्चों की हुई थी मौत, आश्रम वालों ने चुपचाप परिजनों को डेडबॉडी सौंप मामला रफा- दफा किया

इंदौर के युगपुरुष आश्रम ने 30 जून को केवल एक मौत होने की बात कही, लेकिन जब जांच कमेटी ने जांच की तो अंतरिम रिपोर्ट के दौरान वहां 30 जून को एक और मौत की पुष्टि हुई। बाकी दो- दो मौतें एक और दो जुलाई को हुईं...

Advertisment
author-image
Sanjay gupta
एडिट
New Update
fgbfgb
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

युगपुरुष धाम आश्रम में 6 नहीं 10 बच्चों की मौत हुई थी। आश्रम के संचालकों ने इन बच्चों की मौत को छिपाया और इन्हें गुपचुप तरीके से परिजनों को सौंप दिया। इन मौतों पर न तो कोई मर्ग कायम हुआ और ना ही पोस्टमार्टम। यह सब हुआ 28 से 30 जून के बीच।

द सूत्र को इस पूरे मामले की पुख्ता जानकारी मिली है। दुख की बात यही है कि आश्रम के जिम्मेदार यदि 27-28 जून को ही प्रशासन को हालत की जानकारी दे देते तो जो काम दो जुलाई को (अस्पताल में बच्चों को शिफ्ट कर उपचार कराने का) किया गया वह 28 जून को ही हो जाता और इन बच्चों की जान बचाई जा सकती थी। सीधे कहें तो यह गैर इरादतन हत्या है। 

रिपोर्ट के बाद सकते में कलेक्टर, कर्मचारियों को हटाने के आदेश

जांच कमेटी की मिली अंतिम रिपोर्ट के बाद कलेक्टर आशीष सिंह सकते में हैं। उन्होंने अंतिम रिपोर्ट हाथ में आते ही तत्काल विभाग को आदेश देकर आश्रम की संचालिका अनिता शर्मा के साथ ही आश्रम की अध्यक्ष जान्हवी पवन ठाकुर और उनके पिता व संस्था के सचिव तुलसी शादीजा को पद से हटा दिया है। 

28 से 30 जून तक एक- एक कर मरते गए बच्चे, आश्रम छिपाता रहा

27 जून को आश्रम में पानी के कारण कॉलरा फैल गया, डॉक्टर ने दो बच्चों की तबीयत खराब होने की जानकारी दे दी। उन्हें उल्टी, दस्त शुरू हो गए थे। इसके बाद भी आश्रम के संचालकों ने इस पर ध्यान नहीं दिया और 28 से 30 जून के बीच वहां कोहराम मच गया। इस दौरान एक- एक कर मौत होना शुरू हो गई। 

आश्रम ने 30 जून को केवल एक मौत होने की बात कही। लेकिन जब जांच कमेटी ने जांच की तो अंतरिम रिपोर्ट के दौरान वहां 30 जून को एक और मौत की पुष्टि हुई। बाकी दो- दो मौत एक और दो जुलाई को होना सामने आया था।

इस तरह कुल 6 मौत की बात सामने आई थी। लेकिन जब अपर कलेक्टर आईएएस गौरव बैनल की जांच कमेटी ने रजिस्टर के रिकार्ड से जांच की, सभी से पूछताछ की तो सामने आया कि 28 से 30 जून के बीच चार और बच्चों की मौत हुई थी। जिसे छिपाया गया। इस तरह कुल 10 मौत हुई है। 

चुपचाप परिजनों को बुलाकर बच्चों की बॉडी सौंप दी

आश्रम संचालकों ने इस दौरान परिजनों को बुलाकर उन्हें बच्चों की बॉडी सौंप दी। परिजनों ने चुपचाप इसे भगवान का लिखा हुआ मानते हुए स्वीकार कर लिया और अंतिम संस्कार कर लिया। इसमें कुछ बच्चे इंदौर के थे और कुछ बाहरी शहरों के थे इन्हें पंचकुईंया मुक्तिधाम पर नहीं ले गए थे, इसलिए यह वहां के रजिस्टर में आए भी नहीं। लेकिन जांच कमेटी की गहन जांच में इन दस बच्चों की मौत की पुष्टि हो गई। 

बीजेपी नेता के बहू और समधी फंसे

इस पूरे मामले में बीजेपी नेता गुलाब ठाकुर, जो बीजेपी महानगर कमेटी में लंबे समय से कोषाध्यक्ष पद पर है, उनके परिजन बुरी तरह उलझ गए हैं। आश्रम की अध्यक्ष जान्हवी पवन गुलाब ठाकुर है, जो गुलाब ठाकुर के बेटे पवन की पत्नी यानी उनकी बहू है।

वहीं यह जान्हवी और कोई नहीं बल्कि आश्रम के मुख्य कर्ताधर्ता सचिव तुलसी धनराज शादीजा की बेटी है। यानी कि गुलाब ठाकुर और शादीजा समधी है। इस तरह बीजेपी नेता ठाकुर की बहू और समधी दोनों इस मामले में फंस गए हैं। 

आश्रम की कमेटी में सदस्य भी शामिल

आश्रम की कमेटी में अध्यक्ष जान्हवी ठाकुर, उपाध्यक्ष गोविंद सोनेजा, सचिव शादीजा, सदस्य रामचंद कुकरेजा के साथ ही अन्य सदस्य विष्णु कटारिया, राधेस्यामन चौहान, जया नवलानी भी शामिल है। 

कांग्रेस ने लगातार इस मामले में हमले किए

इस पूरे मामले में कांग्रेस शुरू से मुखर रही है। प्रवक्ता केके मिश्रा के साथ ही प्रदेश महासचिव राकेश यादव ने लगातार आश्रम पर हमले किए। यादव ने कहा था कि आश्रम में पूर्व के सालों में भी तीन बच्चों की मौत हो चुकी है, जिसका कभी मर्ग कायम नहीं हुआ और पोस्टमार्टम किया गया।

मिश्रा ने आरोप लगाए थे कि बीजेपी नेता के परिजन उलझे हैं इसलिए जांच ठंडी है। कांग्रेंस ने  विधायक डॉ. हीरालाल अलावा के साथ शहराध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्‌ढा व अन्य की कमेटी ने भी अस्पताल का दौरा किया था।

sanjay gupta

thesootr links


  द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

 

युगपुरूष धाम आश्रम श्री युगपुरूष धाम आश्रम युगपुरूष धाम आश्रम इंदौर युगपुरूष आश्रम में बच्चों की मौत का मामला युगपुरूष धाम आश्रम विवाद युगपुरूष आश्रम मौत विवाद