आयुष विभाग की एक संविदा कर्मचारी ने सिक्योरिटी कंपनी के संचालक से 60 करोड़ रुपए के टेंडर दिलाने के नाम पर सवा करोड़ रुपए ठग लिए। आरोपी ने 15 लाख रुपए मृत पिता के खाते में मंगवाए और बाकी रकम कैश में ले ली। वहीं, इस मामले को लेकर बिलखिरिया पुलिस जांच कर रही है।
धर्मवीर और प्रगति की मुलाकात
भोपाल के बिलखिरिया निवासी धर्मवीर सेंगर सिक्योरिटी और मैनपावर सप्लाई करने का काम करते हैं, 2023 में वे सतपुड़ा भवन आए थे, जहां उनकी मुलाकात आयुष विभाग की कर्मचारी प्रगति श्रीवास्तव से हुई। दोनों की पहचान बढ़ी और इसी दौरान आयुष विभाग ने मैनपावर सप्लाई के लिए 60 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया। धर्मवीर ने टेंडर लेने के लिए प्रगति से मदद मांगी, जिसके बदले प्रगति ने सवा करोड़ रुपए की मांग की।
धर्मवीर से 1.25 करोड़ रुपए की ठगी
प्रगति ने 15 लाख रुपए अपने मृत पिता के खाते में मंगवाए, जबकि बाकी 1.10 करोड़ रुपए उसने 11 अक्टूबर को कैश में लिए। धर्मवीर को विश्वास था कि प्रगति की मदद से वह बड़ा टेंडर हासिल कर लेगा, लेकिन बाद में टेंडर नहीं मिला। इसके बाद धर्मवीर ने अपने पैसे वापस मांगे, लेकिन प्रगति ने लगातार बहाने बना रहा थी।
भरोसा जीतने के लिए सरकारी बिल पास किए
प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि प्रगति ने धर्मवीर के एक-दो सरकारी बिल पास कराए, जिससे उसका विश्वास जीता। धर्मवीर को यह लगने लगा कि प्रगति उसके लिए बड़ा टेंडर भी दिलवा सकती है। इस विश्वास के चलते धर्मवीर ने उसे 1.25 करोड़ रुपए दिए।
15 लाख रुपए घर बनाने पर किए खर्च
पुलिस ने जब प्रगति से पूछताछ की, तो उसने बताया कि उसने 15 लाख रुपए अपने घर बनाने पर खर्च किए। इसके अलावा, जांच में यह भी सामने आया कि प्रगति ने धर्मवीर को झूठे केस में फंसाने की धमकी भी दी थी। बाद में धर्मवीर ने पता किया तो यह सामने आया कि प्रगति ने 15 लाख रुपए मृत पिता के खाते में मंगवाए थे। अब बिलखिरिया पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
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