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संजय गुप्ता, INDORE. मध्यप्रदेश में परिवहन की चौकियों पर ट्रकों से हो रही अवैध वसूली के खिलाफ 15 अगस्त से आंदोलन की घोषणा कर चुके ट्रांसपोटर्स ने अब 8 अगस्त को भोपाल में महापंचायत बुलाने की घोषणा कर दी है। इसमें मध्यप्रदेश में चौकियों के खिलाफ होने वाले आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी। एसोसिएशन पहले ही मध्यप्रदेश शासन को अल्टीमेटम दे चुकी है कि इस मामले में 15 अगस्त तक फैसला कर लें, नहीं तो फिर प्रदेश स्तरीय आंदोलन किया जाएगा।
बैठक में लिया सभी ने मिलकर फैसला
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के तत्वाधान में विविध संगठनों की बैठक में महापंचायत बुलाने का फैसला हुआ। इसमें तय हुआ कि 8 अगस्त को भोपाल में मध्यप्रदेश के सभी जिला स्तरीय परिवहन उद्योग से जुड़ी संस्थाओं को बुलाया जाएगा और परिवहन समुदाय को प्रदेश में होने वाले संभावित आंदोलन से अवगत कराया जाएगा। साथ ही भागीदारी को लेकर अंतिम रूप दिया जाएगा। यदि सरकार सकारात्मक फैसला लेने में असफल होती है तो फिर मध्यप्रदेश में लगभग 2 करोड़ से ज्यादा लोग और देशभर में 20 करोड़ लोग जो इस सड़क परिवहन क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। उनके पास आंदोलन के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं रहेगा।
बैठक में ये सभी पदाधिकारी मौजूद रहे
बैठक में एआईएमटीसी के अध्यक्ष अमृतलाल मदान, चेयरमैन डॉ. जीआर शनमुगप्पा, पूर्व अध्यक्ष बलमकीत सिंह, पूर्व उपाध्यक्ष विजय कालरा, प्रदेश प्रमुख राकेश तिवारी, ऑल इंडिया आरटीओ समिति सीएल मुकाती, कार्यकारिणी सदस्य छतर सिंह भाटी और सदस्य संजय अरोरा भी मौजूद थे।
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केंद्रीय मंत्री गडकरी तक लिख चुके पत्र
बीते साल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मध्यप्रदेश की चौकियों पर चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिख चुके हैं। केंद्र की रिपोर्ट में भी आ चुका है कि मध्यप्रदेश में सुगम परिवहन नहीं है, चौकियों के कारण समस्याएं आती हैं। द सूत्र ने भी गडकरी के पत्र के बाद सेंधवा की बालसमंद चौकी पर जाकर स्टिंग किया था और वहां पाया था हर आने-जाने वाले ट्रक से वसूली के लिए 1500 से 2000 रुपए की रसीद अवैध रूप से कटवाई जाती है और ये रसीद दिखाने के बाद ही उन्हें जाने दिया जाता है। इस चौकी से ही हर दिन 7-8 हजार ट्रक प्रतिदिन निकलते हैं और हर दिन केवल इसी चौकी से सवा करोड़ रुपए की वसूली होती है, यानी हर साल एक ही चौकी से करीब 400 करोड़ रुपए की वसूली होती है। मध्यप्रदेश में कुल 47 चौकियां हैं। मध्यप्रदेश शासन ने दिसंबर 2022 में ट्रासंपोटर्स के साथ बैठक कर 3 महीने में कमेटी से जांच कराकर चौकियों के विकल्प की बात कही थी और अवैध वसूली रोके जाने की भी बात हुई थी, लेकिन इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ, जिसके बाद फिर से ट्रांसपोटर्स आंदोलन की राह पर आ गए हैं।
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