BHOPAL. मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग के मेडिकल स्टूडेंट्स को बीते कुछ सालों से अपनी डिग्री पूरी करने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ये परेशानी पैसे से जुड़ी हुई है। दरअसल, कमलनाथ सरकार के समय मेधावी ओबीसी स्टूडेंट्स को मेडिकल की पढ़ाई फ्री में कराने की योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत ओबीसी वर्ग के गरीब परिवार से आने वाले मेधावी स्टूडेंट्स ने मेडिकल में एडमिशन लिया। पहले साल यानी 2019 में सरकार ने पूरी फीस भी जमा की, लेकिन उसके बाद हर साल डेवलपमेंट चार्ज के नाम पर 15 फीसदी तक की कटौती की जाने लगी। डिग्री पूरी करने के लिए इस 15 प्रतिशत राशि को भी जमा कर पाने में कई परिवारों को पसीना छूट रहा है, क्योंकि ये राशि हजारों में नहीं बल्कि लाखों में है।
3 लाख की वार्षिक आय वाला पिता कहां से लाएगा डेढ़ लाख
जब ये योजना शुरू की गई तब इसके लिए कुछ शर्तें थीं। जैसे 12वीं कक्षा में 85 प्रतिशत अंक हों, स्टूडेंट को नीट एग्जाम क्लीयर होने के बाद कॉलेज अलॉट किया गया हो। इसके साथ ही परिवार की वार्षिक आय 3 लाख रुपए से ज्यादा न हो। गरीब परिवार से आने वाले ओबीसी वर्ग के स्टूडेंट्स ने शत-प्रतिशत स्कॉलरशिप के चक्कर में मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन ले लिया, लेकिन बाद में इसमें 15 प्रतिशत की कटौती होने लगी। मेडिकल की पढ़ाई का 1 साल का खर्च करीब 10 से 12 लाख आता है। ऐसे में हर साल डेढ़ लाख रुपए की व्यवस्था कर पाना 3 लाख रुपए सालभर में कमाने वाले पिता के लिए लगभग नामुकिन जैसा ही है।
सेकंड ईयर में 30 और फिर हर साल 15 प्रतिशत की कटौती
ओबीसी वर्ग से आने वाली एक मेडिकल स्टूडेंट ने बताया कि 2019 में जब उसने मेडिकल में एडमिशन लिया था, तब उसे पूरी स्कॉलरशिप मिली थी, लेकिन सेकंड ईयर में स्कॉलरशिप में 30 फीसदी तक की कटौती की गई। अधिकारियों ने कहा कि 15 प्रतिशत डेवलपमेंट चार्ज देना होगा, क्योंकि पहले साल में ये कटौती नहीं की गई थी, इसलिए दूसरे साल में 2 साल का चार्ज एक साथ वसूला गया। इसके बाद से हर साल 15 प्रतिशत की कटौती हो रही है। जिस परिवार की वार्षिक आय ही 3 लाख रुपए सालाना है, वो पूरी डिग्री के लिए 5 साल में 10 से 12 लाख रुपए कहां से लाएगा।
4 अगस्त को करेंगे प्रदर्शन
हल्ला बोल संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अरुणोदय सिंह परमार ने कहा कि सरकार के दोहरे रवैये के कारण प्रदेशभर के 500 ओबीसी वर्ग से आने वाले मेधावी स्टूडेंट्स के परिवार आज प्रताड़ना के दौर से गुजर रहे हैं। एससी और एसटी वर्ग में ये कटौती की गई थी जिसे बाद में वापस कर दिया गया। 4 अगस्त को भोपाल में इसके विरोध में मेधावी स्टूडेंट्स प्रदर्शन करेंगे।