JAIPUR. राजस्थान की चुनावी रणनीति तय करने के लिए कांग्रेस आलाकमान की अहम बैठक गुरुवार (6 जुलाई) को दिल्ली में एआईसीसी मुख्यालय पर होगी। इस बैठक में राजस्थान में पार्टी के चुनाव प्रबंधन के लिए समितियों के गठन को अंतिम रूप दिया जा सकता है। इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रहे विवाद को खत्म करने पर भी बातचीत हो सकती है।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे समेत कई नेता शामिल होंगे
एआईसीसी मुख्यालय में गुरुवार (6 जुलाई) सुबह करीब 11:00 बजे होने वाली इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पार्टी के तीनों सह प्रभारी और कुछ अन्य प्रमुख नेता शामिल होंगे।
सीएम गहलोत वर्चुअली जुड़ेंगे, पायलट के बारे में स्थिति साफ नहीं
सीएम अशोक गहलोत पैर में चोट के कारण दिल्ली नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि वे जयपुर से ही वर्चुअल इस बैठक में शामिल हो सकते हैं। वहीं सचिन पायलट के इस बैठक में शामिल होने को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। राजस्थान में पार्टी के चुनाव प्रबंधन के लिए चुनाव अभियान समिति, टिकट वितरण समिति, स्क्रीनिंग कमेटी सहित चार से पांच समितियों का गठन होना है। माना जा रहा है कि इस बैठक में पार्टी इन समितियों के गठन को अंतिम रूप दे सकती है
पायलट को लेकर होगा बड़ा फैसला!
पार्टी के भीतर चुनाव प्रबंधन से भी पहले पार्टी के दोनों बड़े नेताओं के बीच चल रही खींचतान को खत्म करना जरूरी माना जा रहा है। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना बताई जा रही है कि गुरुवार (6 जुलाई) की इस बैठक में पार्टी चुनाव के दौरान सचिन पायलट की भूमिका को लेकर कोई बड़ा फैसला कर सकती है। पार्टी आलाकमान की दोनों नेताओं के साथ 29 मई को हुई बैठक के बाद यह दावा किया गया था कि दोनों नेता मिलकर चुनाव लड़ने के लिए सहमत हैं। हालांकि, सहमति का फार्मूला उजागर नहीं किया गया था। ऐसे में गुरुवार (6 जुलाई) को होने वाली बैठक में इस बात पर नजर रहेगी कि पार्टी ने दोनों नेताओं के बीच सहमति का क्या फार्मूला तय किया है।
डोटासरा दो दिन से दिल्ली में, हो सकती हैं संगठनात्मक नियुक्तियां
पार्टी की प्रदेश इकाई में संगठनात्मक नियुक्तियां भी होनी है। जिसके लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा 2 दिन से दिल्ली में बने हुए हैं। संभावना है कि इस बैठक के साथ ही संगठनात्मक नियुक्तियों का मसला भी सुलझा लिया जाएगा।