संजय गुप्ता, INDORE. बिहार में एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पलटी मार ली है, अब वह फिर बीजेपी के साथ सरकार बना रहे हैं। सीएम नीतीश कुमार ने NDA में वापसी की हैं। इस मामले में नीतीश कुमार के साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान चर्चाओ में हैं, लेकिन नीतीश के बार-बार पलटी मारने पर अगस्त 2022 में कैलाश विजयवर्गीय के बयान ने भी खासी चर्चा बटोरी थी। यह बयान उनके अमेरिका से लौटने के बाद मीडिया से चर्चा में आया था।
यह बोले थे कैलाश विजयवर्गीय
वर्तमान में मोहन सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय तब बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव पद पर थे। नौ अगस्त 2022 को नीतीश कुमार ने बीजेपी का दामन छोड़ दिया था। जब मीडिया ने विजयवर्गीय से नीतीश कुमार के बीजेपी का दामन छोड़कर कांग्रेस, आरजेडी के साथ सरकार बनाने पर सवाल पूछा था, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि- पता नहीं बोलना चाहिए कि नहीं लेकिन इस घटना पर अमेरिका में एक ने मुझे कहा कि यह तो हमारे यहां होता है कि ब्वायफ्रेंड कभी भी बदल लेती है लड़किया, बिहार के मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) की भी ऐसी ही स्थिति है कि कब किससे हाथ मिला ले, कब किसका हाथ छोड़ दें।
नीतीश कुमार और अमित शाह क्या बोले थे?
नीतीश कुमार ने बीजेपी का दामन छोड़ने के बाद कहा था कि- मर जाना कबूल है लेकिन उनका साथ हमे कभी कबूल नहीं है। समझ लीजिए, सब बोगस बात है। क्या-क्या कर दिया था इनके पिता (तेजस्वी यादव) के खिलाफ केस करके।
बिहार में एक सभा में अमित शाह ने कहा था कि बिहार की जनता को स्पष्ट कह देना चाहता हूं और लल्लन बाबू को भी स्पष्ट कह देना चाहता हूं कि आप लोगों के लिए बीजेपी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं।
नीतीश कुमार ने कब-कब पलटी मारी
कभी बिहार में अपने सुशासन के लिए जाने जाने वाले नीतीश कुमार ने 'सुशासन बाबू कहलाने से लेकर 'पलटू कुमार' यानी पाला बदलने वाले व्यक्ति के रूप में लंबा सफर तय किया है। इस दौरान सीएम नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनने के बाद चार बार पलटी मार चुके हैं। नीतीश कुमार ने पहली बार 1994 में जनता दल से अलग होकर समता पार्टी बनाई थी। उस समय जार्ज फर्नांडीज नीतीश कुमार के साथ थे। 90 के दशक में ही नीतीश कुमार पहली बार बीजेपी के साथ आए थे। नीतीश कुमार ने 2005 में पहली बार बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाई थी।
पहली पलटी: 17 साल का रिश्ता टूटा
नीतीश कुमार ने पहली बार 2013 में पाला बदला था। उस समय उन्होंने बीजेपी के साथ जेडीयू के 17 साल लंबे राजनीतिक गठबंधन को खत्म करने का फैसला किया था। उस समय नीतीश ने पीएम के रूप में नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी का विरोध जताया था।
दूसरी पलटी: जदयू-कांग्रेस-राजद का गठबंधन
2014 में बीजेपी के प्रचंड बहुमत से चुनाव जीतने के बाद नीतीश कुमार ने जेडीयू की हार की जिम्मेदारी ली। उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने जीतन राम मांझी को सीएम नियुक्त कर दिया। फिर जदयू-कांग्रेस-राजद गठबंधन, महागठबंधन का गठन हुआ। गठबंधन ने नीतीश को 2015 में राज्य चुनाव जीतने में मदद की। तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बने थे। इस चुनाव में राजद बड़े दल के रूप में थी।
तीसरी पलटी: 2017 में असंतुष्ट नीतीश ने बीजेपी से मिलाया हाथ
गठबंधन में राजद के महत्व से असंतुष्ट नीतीश कुमार 2017 में फिर से सुर्खियों में आए। उस समय नीतीश कुमार का झुकाव बीजेपी की नोटबंदी और जीएसटी संबंधी नीतियों की ओर दिखाई दिया। नीतीश कुमार ने 2017 में फिर से पलटी मारी और बीजेपी से हाथ मिला लिया। इसके बाद वह फिर से मुख्यमंत्री बने।
चौथी पलटी: अगस्त 2022 में बीजेपी से तोड़ा नाता
नीतीश कुमार ने बिहार में दो डिप्टी सीएम की नियुक्ति पर असंतोष के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर आपत्ति जताई थी। कई मतभेदों के बाद, नीतीश कुमार ने अगस्त 2022 में बीजेपी से नाता तोड़ लिया। 9 अगस्त 2022 को नीतीश कुमार ने कहा था कि बीजेपी हमारा का अस्तित्व समाप्त करना चाहती है। बीजेपी हमारी पार्टी को खत्म करना चाहती है। इस बात के साथ उन्होंने एनडीए गठबंधन छोड़ा था। उस समय राजद ने उनका स्वागत किया। लालू, कांग्रेस के साथ नीतीश फिर सीएम बने। लेकिन अब 17 महीने बाद फिर नीतीश का मन लालू और कांग्रेस से भर गया और फिर बीजेपी के साथ चले गए।