जितेंद्र सिंह, GWALIOR. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की खंडपीठ ग्वालियर ने गुना पुलिस अधीक्षक को करीब 6 साल से लापता बच्ची के मामले में जांच अधिकारी की संतोषजनक कार्यवाही न होने और जवाब प्रस्तुत न करने पर तलब किया था। उच्च न्यायालय की युगलपीठ ने प्रकरण के जांच अधिकारी की कार्यशैली पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से प्रकरण की जांच से एसडीओपी राधौगढ़ और थाना प्रभारी आरोन को हटाने के आदेश दिए हैं।
छह साल से नाबालिग बच्ची लापता
मध्य प्रदेश के गुना में अरोन थाना क्षेत्र से करीब 6 साल पहले दिनांक 1अगस्त 2017 को 17 वर्षीय नाबालिग लड़की लापता हो गई थी। परिजनों ने लड़की के अपहरण की शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार भी किया, लेकिन लड़की के बारे में जानकारी नहीं मिली। न्यायालय के आदेश के बावजूद 6 साल में पुलिस लड़की को तलाश नहीं कर पाई है।
6-7 एसआईटी गठित, परिणाम बेनतीजा
लड़की के लापता मामले में परिजनों ने उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की। उच्च न्यायालय ने पुलिस ने स्पष्टीकरण मांगा। पुलिस हर बार टीम गठित कर तलाश करने का जवाब प्रस्तुत कर देती, लेकिन आज दिनांक तक पुलिस लड़की को खोज नहीं पाई। न्यायालय के आदेश पर करीब 6 से 7 एसआईटी गठित हो चुकी हैं।
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जवाब से संतुष्ट होने पर पुलिस अधीक्षक तलब
उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर की युगलपीठ ने पुलिस जांच अधिकारी के जवाब और कार्यशैली से असंतुष्ट होकर सोमवार को गुना पुलिस अधीक्षक को एसडीओपी राधौगढ़ जीडी शर्मा और थाना प्रभारी आरोन अमोद सिंह राठौर के साथ मंगलवार को समक्ष उपस्थित होने के आदेश दिए थे। न्यायालय के आदेश पर से पुलिस अधीक्षक गुना राकेश कुमार सगर एसडीओपी जीडी शर्मा और थाना प्रभारी आरोन के साथ उपस्थित हुए।
लगाई फटकार, केस से हटाने के आदेश
लड़की के लापता होने के मामले में उसे तलाश करने के लिए पुलिस के जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली पर युगलपीठ ने नाराजगी जाहिर की। पीठ ने गुना एसपी को तत्काल प्रभाव से प्रकरण की जांच से एसडीओपी राधौगढ़ जीडी शर्मा और थाना प्रभारी आरोन अमोद सिंह राठौर को हटाने के आदेश दिए। न्यायालय ने उनकी जगह नए अधिकारी नियुक्त कर गंभीरता से लड़की की तलाश करने को कहा है।