KOTA. विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही राजस्थान में सियासत का पारा चढ़ता जा रहा है। दोनों ही प्रमुख पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर आक्रमण का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। अब बीजेपी के प्रदेश महामंत्री और रामगंजमंडी से विधायक मदन दिलावर ने स्वायत्त शासन विभाग (UDH) पर फेकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (FSTP) बनाने में 900 करोड़ का घोटाले का आरोप लगाया है। शुक्रवार (30 जून) को सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में विधायक मदन दिलावर ने कहा कि मैंने सुना है कोई कोयले में खा गया, कोई गेहूं में खा गया, कोई चारे में खा गया, कोई राशन में खा गया। पहली बार सुन रहा हूं राजस्थान में यहां के अधिकारी और स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल 'मल शोधन यंत्र' में भी खा गए। इनको शर्म भी नहीं आई। और कितने नीचे जाएगी कांग्रेसी सरकार।
नियमों की अवहेलना
विधायक दिलावर ने कहा कि ट्रीटमेंट प्लांट बनाने में सरकारी गाइडलाइन को फॉलो नहीं किया गया। सरकारी गाइडलाइन के तहत 20 किलोमीटर के दूरी पर शहरों के लिए एक प्लांट बनाया जाना था। लेकिन, राजस्थान में गाइडलाइन के उलट सरकारी अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रख दिया। 3 किलोमीटर के दायरे में भी फेकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जा रहे हैं। उनके पास लगभग 30 प्लांटों की लिस्ट हैं, जहां नियमों की अवहेलना की गई है।
200 करोड़ के काम 1100 करोड़ में करवाए
बीजेपी प्रदेश महामंत्री ने कहा कि दिलावर ने आरोप लगाया प्रदेश में 163 से फेकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जा रहे हैं। जो 5 KLD से लेकर 35 KLD की क्षमता के हैं। प्रदेश में बनाए जा रहे प्लांट की लागत अन्य राज्यों में बनाए जा रहे ट्रीटमेंट प्लांट की लागत से कई गुना ज्यादा है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में यही प्लांट बहुत कम लागत में बनाए गए हैं। ये काम 200 करोड़ के हैं, जबकि इन्हें 1100 करोड़ में करवाया जा रहा है। पूरे देश में राजस्थान के अलावा किसी भी राज्य में इतनी अधिक राशि में फेकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण नहीं हुआ।
ऐसे हो रहा घोटाला
- महाराष्ट्र में की 20 KLD प्लांट की लागत 27 लाख है। राजस्थान में 9 करोड़ 40 लाख है।
कंपनी को पहुंचाया फायदा
चहेती फर्म को टेंडर देने के लिए ऐसे स्पेसिफिकेशंस लिए गए उनकी कोई आवश्यकता नहीं है। इस के चलते दूसरी फर्म टेंडर से बाहर हो गई। आंधप्रदेश की दो कंपनियों को टेंडर दिया गया। पूर्व में राजस्थान में 100 फेकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट की लागत 123.85 करोड़ रूपए आंकी गई थी। इस रिपोर्ट को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स, सीसीडी सोसायटी द्वारा राजस्थान सरकार, नेशनल फेकल स्लज एंड सेप्टेज एलायंस के सहयोग से बनाया गया था। लेकिन अधिकारी द्वारा मिलीभगत कर प्लांट की लागत को बढ़ा-चढ़ा कर 1100 करोड़ से अधिक कर दिया गया। इस प्रकार सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।
सालभर में हुआ घोटाला
ये सारा काम साल 2022 से 23 के बीच हुआ। साल 2022 में 78 प्लांट के लिए 656 करोड़ का वर्क ऑर्डर जारी किया गया। साल 2023 में 54 प्लांट के लिए 463 करोड़ के वर्क ऑर्डर जारी किया। विधायक दिलावर ने स्वायत्त शासन विभाग के तीन मुख्य अभियंता हेमंत शर्मा, अरुण व्यास और प्रदीप गर्ग, कंसल्टेंट जयदीप दुल्लर और स्वायत्त शासन विभाग के आला अधिकारियों और मंत्री शांति धारीवाल पर घोटाले के आरोप लगाए हैं। दिलावर ने कहा है कि इस संबंध में विधिक राय लेने के बाद जल्दी ही मामला दर्ज करवाएंगे।