Shahdol. पीएम मोदी जुलाई महीने का आगाज मध्यप्रदेश के दौरे से कर रहे हैं, वे यहां शहडोल जिले में आयोजित कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इनमें से एक कार्यक्रम सिकलसेल एनीमिया नामक जानलेवा बीमारी को देश से खत्म करने के राष्ट्रीय मिशन की शुरुआत का भी है। बताया जाता है कि मध्यप्रदेश का यह इलाका इस बीमारी का गढ़ है। वनों में निवास करने वाले आदिवासी और उनके बच्चे इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
इस बीमारी में खून सूख जाता है
सिकलसेल एनीमिया खून की कमी से संबंधित बीमारी है, इसमें पीड़ित को जीवित रखने के लिए हर माह-दो माह में नया खून चढ़ाना पड़ता है। कोई दवा असर नहीं दिखा पाती। बच्चे दर्द से चीखते रह जाते हैं और उनके मां-बाप आंसू बहा-बहाकर जूझते रहते हैं।
अनुवांशिक होती है बीमारी
चिकित्सा विज्ञान के विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी अनुवांशिक होती है, जरूरी नहीं कि मां-बाप को ही यह बीमारी हो, दो पीढ़ी पहले बीमार रहे पूर्वज यदि इस बीमारी से पीड़ित रहे हों, तो भी बच्चों में इसके लक्षण आ जाते हैं। यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि मलेरिया जैसी बीमारी का वायरस भी इस बीमारी से पीड़ित के शरीर में अपना जीवन चक्र पूरा करने से पहले ही दम तोड़ देता है।
2047 तक सिकलसेल से दिलानी है मुक्ति
प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में इस बीमारी के खिलाफ देशव्यापी अभियान छेड़ा गया है। बीमारी से पीड़ित 17 राज्य, जहां-जहां आदिवासी निवासरत हैं। वहां के जानकारों और जिम्मेदारों को एक मंच पर लाया जा रहा है। पहले इस बीमारी की जांच की सुविधाएं नहीं थीं, लेकिन अब 2047 तक इस बीमारी से देश मुक्त हो सके यह लक्ष्य रखा गया है।
3 चरणों में सिकलसेल से निपटेंगे
इस अभियान के तहत पहले चरण में इस बीमारी के मरीजों को चिन्हित किया जाएगा। उनकी बीमारी के पैटर्न की जांच होगी। इस बीमारी के पीड़ित को हाइड्रोक्सी यूरिया और फोलिक एसिड दी जाती है। दूसरे चरण में 40 साल की उम्र वाले लोगों में सिकलसेल एनीमिया के पैटर्न की जांच की जाएगी। जांच के बाद उन्हें आनुवांशिक कार्ड दिए जाएंगे। कार्ड में पैटर्न का ब्यौरा होगा। जिसमें बताया जाएगा कि इस तरह के पैटर्न वाले महिला/पुरुष कैसे लोगों से विवाह करें जिससे इस बीमारी के अगली पीढ़ी तक नहीं पहुंचने की संभावनाएं ज्यादा हों। अभियान के तीसरे चरण में जनता में जागरुकता फैलाई जाएगी, जिसमें सामान्य लोगों को बताया जाएगा कि वे सिकलसेल एनीमिया पीड़ित से शादी करें ताकि बीमारी से निजात दिलाई जा सके। यह भी बताया जाएगा कि यदि किसी के शरीर में लगातार खून की कमी बनी रहती है तो वे जांच कराएं।
मोदी तीन महीने में चौथी बार आ रहे मध्य प्रदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 अप्रैल को भोपाल आए थे, तब उन्होंने भोपाल-दिल्ली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। इसके बाद मोदी 24 अप्रैल को मध्य प्रदेश के रीवा के एक दिन के दौरे पहुंचे थै। उन्होंने रीवा एसएएफ ग्राउंड में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर आयोजित पंचायती राज सम्मेलन को संबोधित किया था। पीएम ने यहां 2300 करोड़ के रेल प्रोजेक्ट्स और 7853 करोड़ रुपए की 5 नल-जल योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया था। 27 जून को पीएम मोदी भोपाल आए थे, तब उन्होंने एमपी को दो वंदे भारत ट्रेनों की सौगात दी थीं। पीएम भोपाल में मेरा बूथ, सबसे मजबूत अभियान में भी शामिल हुए थे।