मोदी-शाह के डार्क हॉर्स की दौड़... जीते या हारे... देखिए इनका रिपोर्ट कार्ड

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Jitendra Shrivastava
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मोदी-शाह के डार्क हॉर्स की दौड़... जीते या हारे... देखिए इनका रिपोर्ट कार्ड

BHOPAL. मुख्यमंत्री के चयन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी हमेशा चौंकाती रही है। हाल के दिन में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और मंगलवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में भजनलाल को चुनकर इस जोड़ी ने सभी को चौंका दिया। इससे पहले इस जोड़ी ने मुख्यमंत्री की रेस से बाहर जिन लोगों को मुख्यमंत्री बनाया, आइए आपको बताते हैं कि उनका रिपोर्ट कार्ड कैसा रहा।

चुनाव की बिसात पर कैसे साबित हुए मोदी शाह के ये डार्क हॉर्स...

1. मनोहर लाल खट्टर

2014 में सबसे पहले मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाकर राजनीति के हल्कों में मोदी और शाह की जोड़ी ने सबकों चौंका दिया था। जाट बाहुल राज्य हरियाणा में किसी को उम्मीद नहीं थी कि एक गैरजाट को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। साधारण से किसान परिवार से आने वाले खट्टर पंजाबी खत्री समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। वह आरएसएस के प्रचारक रहे हैं। खट्टर हरियाणा में दूसरी बार सरकार बनाने में सफल रहे। हालांकि, बहुमत के लिए उन्हें दुष्यंत चौटाला की पार्टी के साथ गठबंधन करना पड़ा। किसान आंदोलन के प्रभाव के बाद भी उनके दूसरे कार्यकाल में कोई बड़ी उठा पटक सामने नहीं आई है।

2. योगी आदित्यनाथ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बनाकर एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी थी। दरअसल, दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर ही जाता है। यहां से सबसे ज्यादा सांसद चुने जाते हैं। योगी ने दूसरी बार भी सरकार बनाने में सफलता प्राप्त की। उन्होंने लोकसभा चुनाव में भी पूर्व के प्रदर्शन को करीब करीब दोहराने में सफलता हासिल की। कहा जा सकता है कि योगी आदित्यनाथ ने मोदी शाह की जोड़ी को निराश नहीं किया।

3. देवेन्द्र फडणवीस

इस लिस्ट में अगला नाम आता है देवेन्द्र फडणवीस का। साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने महाराष्ट्र में देवेन्द्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाकर सभी को चौंका दिया। दरअसल, देवेन्द्र फडणवीस को जब मुख्यमंत्री बनाया गया, उस समय केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी इस पद के लिए सबसे बड़े दावेदार थे। उस समय देवेन्द्र फडणवीस कम उम्र के होने के साथ साथ सरकार चलाने का भी नितिन गड़करी की तरह लंबा अनुभव नहीं रखते थे। देवेन्द्र फडणवीस ने शिवसेना के साथ चुनाव लड़ते हुए दूसरी बार सरकार बनाने में सफलता हासिल की। हालांकि, शिवसेना गठबंधन से अलग हो गई थी। बाद में एनसीपी और शिवसेना के एक धड़े को साथ लेकर उन्होंने फिर सरकार बना ली, लेकिन गठबंधन में वह उपमुख्यमंत्री बने। मोदी शाह का उन पर भरोसा बरकरार है, ऐसा कहा जा सकता है।

4. पुष्कर सिंह धामी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी को चुनना मोदी शाह का एक बहुत ही चौंकाने भरा फैसला था, लेकिन जैसा कि माना जाता है कि यह जोड़ी सभी को चौंकाने में माहिर है, तो पुष्कर सिंह धामी को चुनकर उन्होंने एक बार फिर यह साबित कर दिया। भाजपा राज्य में सरकार बनाने में तो सफल रही, लेकिन सबसे बड़ी बात 2022 के चुनावों में धामी अपनी सीट हार गए थे, लेकिन उन्हें फिर से मुख्यमंत्री चुना गया। वह राज्य के गठन के बाद से लगातार दूसरा कार्यकाल संभालने वाले राज्य के एकमात्र मुख्यमंत्री हैं। इस तरह कहा जा सकता है कि धामी पर इस जोड़ी यकीन बना हुआ है।

5. प्रमोद सावंत

गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में प्रमोद सावंत का नाम भी मोदी शाह की जोड़ी की ओर से लिया गया चौंकाने वाला फैसला था। मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद गोवा के मुख्यमंत्री की सीट खाली हो गई थी. बाद में प्रमोद सावंत को विधानसभा द्वारा चुना गया और बाद में उन्होंने 19 मार्च 2019 को गोवा के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

सांवत 2022 में चुनाव में गए और फिर से सरकार बनाने में सफल रहे।

6. भूपेंद्र पटेल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी की ओर से भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाना सबसे चौंकाने वाला फैसला था। पटेल पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए और पहली ही बार में मुख्यमंत्री बना दिए गए। साल 2017 में पहली बार विधायक बने पटेल को सितंबर 2021 को विजय रूपाणी के गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। करीब सवा साल मुख्यमंत्री रहने के बाद उन्हें चुनाव में जाना पड़ा और वह दूसरी बार सरकार बनाने में सफल रहे।

मोदी-शाह की जोड़ी के ये नए डार्क हॉर्स...

1. विष्णु देव साय

छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाया गया है। आरएसएस के करीबी होने का फायदा मिला। राज्य के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री बने हैं।

2. मोहन यादव

मोहन यादव को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया है। वह शिवराज सिंह चौहान की जगह लेंगे। चौहान ने अपने आप को मामा और भाई के रूप में स्थापित किया है। अगले साल लोकसभा चुनाव उनके लिए चुनौती होंगे।

3. भजनलाल शर्मा

राजस्थान का नया मुख्यमंत्री बनाया गया है। यह नाम भी चौंकाने वाला है। राजस्थान में लोकसभा चुनाव शर्मा के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकते हैं। उनका परफॉर्मेंस कैसा रहेगा, यह तो वक्त ही बताएगा।

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