वेंकटेश कोरी, JABALPUR. लापरवाही पर जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाते हुए प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। जबलपुर में पिछले कई दिनों से चल रहे धान उपार्जन में लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने जबलपुर के फूड कंट्रोलर कमलेश तांडेकर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए हैं। दरअसल सरकार ने समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन नीति को शुरू करने के लिए 1 दिसंबर 2023 की तारीख निर्धारित की थी। इसके लिए जबलपुर जिले में 121 उपार्जन केंद्र निर्धारण करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन निर्देशों के बावजूद भी जबलपुर में निर्धारित संख्या में उपार्जन केंद्रों की स्थापना नहीं हो पाई। प्रदेश सरकार के निर्देशों के बावजूद जिले में 121 के मुकाबले महज 85 उपार्जन केंद्र ही बनाए गए, जिससे धान खरीदी के नाम पर जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है।
न स्लॉट की बुकिंग और न ही मैपिंग, धड़ल्ले से वेयरहाउसों में भरी गई धान
धान खरीदी में जबलपुर जिले में जबरदस्त फर्जीवाड़ा हुआ है। नियमों के मुताबिक धान खरीदी के दौरान निर्धारित उपार्जन केंद्रों में पहले किसानों के द्वारा स्लॉट की बुकिंग की जाती है। इसके अलावा वेयरहाउस की मैपिंग की भी प्रक्रिया अपनाई जाती है, लेकिन जिले में धान खरीदी के नाम पर फर्जीवाड़े का आलम यह था कि नियमों की धज्जियां उड़ाकर किसानों से धान लेकर वेयरहाउस में भरी गई। इसकी जानकारी होने के बावजूद भी जिले के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारियों ने कोई कार्यवाही नहीं की।
बनने थे 121 केंद्र बने सिर्फ 85
शासन की समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन नीति के मुताबिक 1 दिसंबर 2023 से खरीदी की जानी थी और इसके लिए शासन ने जिले में 121 उपार्जन केंद्र बनाने के निर्देश दिए गए थे, जिसमें से महज 85 केंद्र ही स्थापित हो पाए। केंद्रों की स्थापना में हीला हवाली और इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को न दिए जाने को मोहन सरकार ने गंभीरता से लिया है। इसके बाद विभाग के प्रमुख सचिव की ओर से जबलपुर के फूड कंट्रोलर कमलेश तांडेकर को निलंबित करने की कार्यवाही की गई है।