मध्यप्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी भंग, बैठक के अंदर फूटा जिला अध्यक्षों का गुस्सा, कांग्रेस को कांग्रेस ने ही हराया

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Jitendra Shrivastava
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मध्यप्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी भंग, बैठक के अंदर फूटा जिला अध्यक्षों का गुस्सा, कांग्रेस को कांग्रेस ने ही हराया

BHOPAL. कांग्रेस में विधानसभा चुनाव का असर दिखाई देने लगा है। कांग्रेस के नए प्रभारी जितेंद्र सिंह ने पहली बैठक में ही प्रदेश की पूरी कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। जितेंद्र सिंह के सामने जिला अध्यक्षों और विधानसभा प्रभारियों का गुस्सा फूटा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बीजेपी ने नहीं बल्कि कांग्रेस ने ही हराया है। फूल छाप कांग्रेसियों और भितरघातियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस बैठक की खास बात ये भी रही कि कांग्रेस कुर्सी छोड़ दरी पर आ गई।

ये अंदर की बात है...

कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत की मीडिया के सामने दी गई बाइट साफ बता रही है कि कांग्रेस मुख्यालय के बंद कमरे के अंदर हुआ क्या है। बैठक लेने कांग्रेस के नए नवेले प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह भोपाल आए। मकसद तो कांग्रेस को हार के भंवर से निकालना था लेकिन वे खुद नेताओं के गुस्से के भंवर में फंस गए। बैठक में हार का असर जमकर नजर आया। नेताओं का गुस्सा फूटा तो जितेंद्र सिंह ने प्रदेश की पूरी कार्यकारिणी ही भंग कर दी। इस बैठक में एक और खास बात नजर आई। कांग्रेस अब कुर्सी छोड़ पहले की तरह दरी पर आ गई है।

कुछ लोगों का रवैया तानाशाही वाला है

बैठक के अंदर बड़े नेताओं के सामने जिलाध्यक्ष और जिला प्रभारी का फूटा। उन्होंने कहा कि संगठन में नियुक्तियां हो जाती हैं प्रभारी को पता नहीं होता। कई जिलों में कुछ लोगों ने तानाशाही रवैया अपना रखा है, कुछ लोगों को लगता है पार्टी उनके हिसाब से चलती है। सबकी बात को तवज्जो दी जानी चाहिए। हम बीजेपी से नहीं कांग्रेस के कारण चुनाव हारे हैं। जिनको टिकट नहीं मिला उन्होंने दोगुनी ताकत से प्रत्याशी को चुनाव हराया। ऐसे कांग्रेसियों को चिन्हित करना चाहिए। कांतिलाल भूरिया ने कहा कि पार्टी के खिलाफ भितरघात करने वालों पर कार्रवाई होगी। बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर भी बात हुई। नेताओं ने कहा कि लोकसभा के उम्मीदवारों को अभी से घोषित कर देना चाहिए।

कांग्रेस के लोग ही कांग्रेस को हराने में लगे रहे

छतरपुर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष महाप्रसाद पटेल ने कहा, छतरपुर के किसी भी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को 50 हजार से कम वोट नहीं मिले। कांग्रेस को कांग्रेस ने ही हराया। कुछ लोग इसी में ताकत लगाते रहे कि कैसे हराएं, जिताने में ताकत नहीं लगाई। बीजेपी ने राजस्थान में पहली बार के विधायक को सीएम बना दिया गया। हमारे यहां भी युवाओं को बढ़ाने के इस तरह के फैसले होने चाहिए।

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