BHOPAL. 27 साल के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने जुड़वां बच्चों को सिंगल चाइल्ड (एक बच्चा) मान लिया है। मध्य प्रदेश सरकार का फैसला केंद्र सरकार और कई राज्यों द्वारा जुड़वां बच्चों को सिंगल चाइल्ड मानने के बाद आया है। खास बात यह है कि देश की कई अदालतें भी इससे पहले जुड़वां बच्चों को सिंगल चाइल्ड मानने का आदेश दे चुकी हैं। लेकिन मप्र सरकार इन्हें सिंगल चाइल्ड नहीं मान रही थी।
जारी किया आदेश
सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि मप्र सरकार के कर्मचारियों और अफसरों को जुड़वां बच्चे पैदा होने के बाद नसबंदी कराने पर दो अग्रिम वेतनवृद्धि की सुविधा दी जा सकेगी। इस बदलाव के बाद अब 11 जुलाई 2019 के पहले के मामलों में भी कर्मचारियों को वेतनवृद्धि मिल सकेगी।
अभी तक इन्हें नहीं मिलता है लाभ
इस आदेश के पहले तक 9 फरवरी 2017 से 11 जुलाई 2019 के बीच के मामलों में जुड़वां बच्चे पैदा ( पहली डिलीवरी में) होने पर नसबंदी कराने वालों को यह लाभ नहीं मिल पा रहा था।ॉ
जनसंख्या रोकने किया गया था बदलाव
मध्य प्रदेश सरकार ने तेजी से बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए 1980 के दशक में लोगों को जागरूक करने के लिए ‘हम दो हमारे दो’ के नारे के साथ नियम का पालन करने वालों को अतिरिक्त सुविधाओं का लाभ देना का प्रावधान किया था। लेकिन 1996-97 में इसे सिंगल चाइल्ड कर दिया गया। तब एक बच्चा होने के बाद नसबंदी कराने वालों को दो इंक्रीमेंट का फायदा दिया जाने लगा था। लेकिन, पहली डिलीवरी में जुड़वां बच्चे होने पर सिंगल चाइल्ड मानते हुए लाभ नहीं मिलता था।