BILASPUR. 2005 में नक्सलियों ने मुखबिरी के आरोप में कांकेर के एक गांव में रहने वाले व्यक्ति की हत्या कर दी। इसके बाद पत्नी और उसके दो बच्चों को गांव में रहने वाले 6 लोग प्रताड़ित करने लगे। महिला ने थाने में शिकायत की तो पुलिस ने 6 ग्रामीणों को पकड़ा, लेकिन जमानत पर छूटने के बाद वे दोबारा परेशान करने लगे। आखिरकार लोगों ने महिला और उसके दो बच्चों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया। इस बहिष्कार के खिलाफ महिला ने पुलिस से शिकायत की, इसके लिखित में स्पीड पोस्ट के जरिए भी भेजा, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद महिला ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई है। इस पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने कांकेर के एसपी को व्यक्तिगत रूप से शपथ पत्र देने को कहा है।
परिवार का किया सामाजिक बहिष्कार
दअसल, नक्सल प्रभावित कांकेर एक गांव में रहने वाले व्यक्ति की पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाते हुए नक्सलियों ने 2005 में हत्या कर दी थी। इसके बाद उसकी पत्नी और दो बच्चों को गांव में ही रहने वाले 6 लोग परेशान करने लगे। महिला ने संबंधित थाने में शिकायत दर्ज करवाई तो पुलिस ने आईपीसी की धारा 294, 323, 506, 457, 147, 149 और 34 व पाक्सो एक्ट की धारा 7 और 8 के तहत मामला दर्ज करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया। कुछ समय बाद वे जमानत पर छूट गए और गांव लौटते ही महिला और उसके बच्चों को परेशान करने लगे। यहां तक कि तीनों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया।
अगले हफ्ते फिर होगी सुनवाई
इसके बाद महिला ने इसकी शिकायत 26 जून 2023 को कांकेर के एसपी से की। इसकी कॉपी स्पीड पोस्ट से भी भेजी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। महिला ने कार्रवाई की मांग करते हुए हाई कोर्ट में याचिका लगाई है, इस पर सोमवार (31 अगस्त) को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की बेंच में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने कांकेर के एसपी को व्यक्तिगत रूप से शपथ पत्र देने को कहा है। मामले पर अगले सप्ताह सुनवाई होगी।