मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में पिछली साकार के दौरान सरकारी भर्तियों में हुई गड़बड़ियों को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाकर सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी की सरकार सरकारी भर्तियों पर स्पेशल फोकस करते देख रही है। पिछली सरकार की गड़बड़ी वाली भर्तियों को रद्द किया जा रहा है और नई भर्तियों के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। हालांकि, पिछली सरकार की भर्तियां रद्द किए जाने से युवाओं में कुछ निराशा भी है क्योंकि इससे अवसर कम हो रहे हैं और उधर नई भर्तियों के लिए किए जा रहे इंतजाम कितने कारगर साबित होंगे यह अभी देखना बाकी है, लेकिन इतना जरूर है कि बिना मंत्रिमंडल के चल रही राजस्थान की बीजेपी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले युवाओं को यह भरोसा दिलाने की भरसक कोशिश करती दिख रही है कि सरकारी भर्तियों की व्यवस्था ठीक करने हम जुटे हुए हैं।
14 दिन में तीन भर्तियां निरस्त कर चुकी है
राजस्थान की बीजेपी सरकार काम शुरू करने के बाद पिछले 14 दिन में तीन भर्तियां निरस्त कर चुकी है। इनमें पहली दो भर्तियों को रद्द करने का कारण तो बहुत हद तक राजनीतिक भी था। पहले भारती राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्न की थी जिनका काम सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाना था। यह दरअसल भर्ती नहीं थी बल्कि, इसमें पहले ही लगभग ढाई हजार लोग काम कर रहे थे और उनमें से ज्यादातर कांग्रेस से जुड़े कार्यकर्ता थे। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी सरकार इस योजना का नाम बदलकर नए सिरे से भर्ती करती तो अपने कार्यकर्ताओं को मौका दे सकती थी। योजना में वैसे भी अधिकतम 2 वर्ष के लिए ही नियुक्ति का प्रावधान था।
तीसरी भर्ती में पेपर लीक की शिकायत सामने आई थी
बीजेपी सरकार ने दूसरी भर्ती महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की रद्द की है। यह 50,000 सेवा प्रेरक प्रदेश में पंचायत स्तर पर पुस्तकालय में सहयोग के लिए और महात्मा गांधी के विचारों को जनता तक पहुंचाने के लिए एक वर्ष के लिए नियुक्त किए जाने थे। कांग्रेस की सरकार रिपीट होती तो इनमें भी ज्यादातर कांग्रेस से कार्यकर्ता ही नियुक्त होते। सरकार ने तीसरी भर्ती सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की रद्द की है। यह भर्ती भी संविदा पर 3531 पदों पर की जानी थी। इस भर्ती के लिए फरवरी 2023 में परीक्षा हुई थी और उस समय पेपर लीक के शिकायत सामने आई थी। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी वाली यह परीक्षा अब 3 मार्च को होगी
भर्ती दोबारा कब होगी, होगी भी या नहीं असमंजस है
पिछली सरकार ने शिकायत पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया था लेकिन भर्ती प्रक्रिया भी आगे नहीं बढ़ी थी और यह परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी नियुक्तियों का इंतजार कर रहे थे। अब भर्ती रद्द होने से जिन्हें चयनित होने की उम्मीद थी उन्हें तो निराशा हाथ लगी है, क्योंकि यह भर्ती अब दोबारा कब होगी और या होगी भी या नही इसे लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है। ऐसे में जिन हजारों अभ्यर्थियों ने इसके लिए तैयारी की थी वे असमंजस में हैं। सूत्रों का कहना है कि सरकार पिछली सरकार के समय निकाली गई कुछ और भर्तियों को रिव्यू कर सकती है, क्योंकि सरकार का मुख्य फोकस अभी भर्ती परीक्षाओं की व्यवस्थाओं को ठीक करने पर है।
भर्ती परीक्षाओं की मॉनिटरिंग सीधे मुख्य सचिव और डीजीपी करेंगे
सीएम भजनलाल शर्मा ने भर्ती परीक्षाओं की मॉनिटरिंग सीधे मुख्य सचिव और डीजीपी के जरिए करने के निर्देश दिए हैं और परीक्षा में गड़बड़ी की सूचना देने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। इसके अलावा कोचिंग संस्थानों पर भी नजर रखने को कहा गया है क्योंकि पेपर लीक मामलों में ये सबसे ज्यादा शक के दायरे में है। प्रश्न पत्र लीक मामलों में कार्रवाई करने के लिए एसआईटी का गठन भी किया जा चुका है। अब देखना यही है कि ये इंतजाम कितने कारगर साबित होंगे।