Jaipur. राजस्थान की राजधानी जयपुर में विधानसभा चुनाव दहलीज पर हैं, विधानसभा भंग होने से पहले ही विधायकों के लिए बनाए गए नए आवास बनकर तैयार हैं। जिनका 12 अगस्त को उद्घाटन होने जा रहा है। सरकार ने विधायकों के लिए 160 आलीशान फ्लैट्स बनवाए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी इन विधायक आवासीय परिसर का उद्घाटन करेंगे।
24160 वर्गमीटर परिसर में बने 6 टावर
राजस्थान आवासन मंडल ने इन फ्लैट्स का निर्माण किया है। दो साल पहले 11 अगस्त 2021 को इस विधायक आवास परियोजना की आधारशिला रखी गई थी और अब 24 हजार 160 वर्ग मीटर जमीन पर 6 टावर बन कर तैयार हो गए हैं। राजस्थान विधानसभा में कुल 200 विधायक हैं। इनमें 30 मंत्रियों और 10 अन्य प्रमुख नेताओं के निवास सिविल लाइंस में है। इसी को देखते हुए नई विधायक आवास योजना में कुल 160 लग्जरी फ्लैट तैयार कराए गए हैं।
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क्लब, स्विमिंग पूल और जिम की भी सुविधा
इन फुली फर्निश्ड 4 बीएचके फ्लैट में एक सर्वेंट रूम भी बनाया गया है। प्रत्येक फ्लैट का बिल्ट अप एरिया 3200 वर्ग फीट है। यहां 160 फ्लैट के साथ सेंट्रल लॉन, क्लब हाउस, स्विमिंग पूल, रेस्टोरेंट जिम और वॉकिंग ट्रैक सुविधाएं विधायकों के लिए विकसित की गई है। इस विधायक आवास योजना को जयपुर की विरासत और यहां के गुलाबी रंग की फील के साथ तैयार किया गया है। यहां बने सेंट्रल लॉन को देशी-विदेशी प्लांट्स और स्कल्पचर से सजाया गया है। वहीं सुरक्षा के भी अत्याधुनिक इंतजाम किए गए हैं।
दो मंजिला बेसमेंट पार्किंग की भी सुविधा
विधायक आवास में फसाड़ एलईडी लाइटिंग, वाईफाई, एटीएम, मेडिकल स्टोर, जनरल स्टोर, बीसलपुर का पानी, दो जीएसएस से बिजली आपूर्ति की अवस्था सुनिश्चित की गई है. वहीं दो मंजिला बेसमेंट पार्किंग में तकरीबन 921 गाडियां खड़ी की जा सकेंगी। यहां भी इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन और स्मार्ट पार्किंग सिस्टम की सुविधा विकसित की गई है।
पहले रहते थे क्वार्टर में
राजस्थान में विधायकों के निवास के लिए अब तक अलग-अलग क्वार्टर बने हुए थे इसके अलावा जयपुर में जालूपुरा तथा विद्याकपुरी में बड़े बंगले भी थे। मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कार्यभार संभालने के बाद इस योजना का खाका तैयार किया और विधानसभा के नजदीक बने वोटर्स को छुड़वा कर इस जमीन पर बहुमंजिला फ्लैट्स तैयार कराए। अब सभी 160 विधायक एक साथ एक ही स्थान पर है सकेंगे। सिर्फ मंत्रियों मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष और अन्य प्रमुख नेताओं के बंगले अलग होंगे।
योजना का विरोध भी हुआ
जब योजना लागू की जाने के लिए विधायकों से आवास खाली कराया जा रहे थे तो इसका विरोध भी हुआ और पूर्व स्पीकर कैलाश मेघवाल ने कुछ अन्य विधायकों के साथ विधायक आवास खाली करने से मना भी कर दिया था। उनका तर्क था कि बहुमंजिला आवास बनने से विधानसभा की सुरक्षा को खतरा पैदा हो जाएगा क्योंकि यह आवास विधानसभा के नजदीक हैं और ऊंचाई से विधानसभा को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है। हालांकि बीजेपी विधायक दल से ही उन्हें पूरा समर्थन नहीं मिला क्योंकि तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया स्वयं यह योजना लागू करना चाहते थे।