संजय गुप्ता, INDORE. कांग्रेस का नया प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद जीतू पटवारी ने मीडिया से चर्चा में कहा कि युवाओं की भागीदारी अब समय की जरूरत है, लेकिन हम सामूहिक नेतृत्व में आगे बढ़ेंगे। कमलनाथ जी हमारे नेता हैं। उनके और दिग्विजय सिंह के आशीर्वाद और मार्गदर्शन में ही आगे बढ़ेंगे। कांग्रेस में अब कोई गुटबाजी नहीं है, वो खत्म हो चुकी है। अब केवल सामूहिक नेतृत्व होगा, वरिष्ठ नेताओं का आशीर्वाद होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस 5 साल तक सकारात्मक विपक्ष की भूमिका में रहेगी और इस दौरान हम घर-घर तक कांग्रेस को पहुंचाने का काम करेंगे।
मीडिया से चर्चा पटवारी बोले- लोकसभा चुनाव चुनौती
मीडिया से बातचीत करते हुए जीतू पटवारी ने राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के कांग्रेस नेताओं और युवाओं के सहयोग से ही मेरे जैसे छोटे से कार्यकर्ता को बड़ी जिम्मेदारी मिली है। अब आने वाले समय में कांग्रेस के विचार को कैसे सामूहिक नेतृत्व के साथ घर-घर पहुंचना है, मैं इस भावना को जानता हूं। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का परफॉर्मेंस अच्छा रहे, ये हमारे सामने बड़ी चुनौती है। इसका अहसास मेरे साथ-साथ कांग्रेस के एक-एक कार्यकर्ता को है।
बीजेपी ने पुराना बयान याद दिलाया- पार्टी गई तेल लेने
बीजेपी ने जीतू पटवारी की नियुक्ति को लेकर तंज कसा है और कहा है कि हारा हुआ नेता किस तरह कांग्रेस को जीत दिलाएगा, साथ ही पटवारी के पुराने बयान कि पार्टी गई तेल लेने को लेकर भी सोशल मीडिया पर तंज कसा है। वहीं इसके पहले पटवारी का उनके निवास स्थल पर जमकर स्वागत हुआ। सैंकड़ों कार्यकर्ता कांग्रेस का झंडा लेकर पहुंच गए और जमकर आतिशबाजी की गई। ढोल-नगाड़े बजाए गए। इस दौरान शहर अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा के साथ कई कांग्रेसी नेता भी उनके घर पहुंच गए थे।
ये खबर भी पढ़िए..
OBC नेता, 2 बार के विधायक, अभी कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष भी थे
जीतू पटवारी साल 2008 में पहली बार चुनाव राउ विधानसभा से लड़े और हारे थे, लेकिन साल 2013 और 2018 के चुनाव में जीते थे। हाल के चुनाव 2023 में वे 35 हजार वोट से बीजेपी के मधु वर्मा से चुनाव हार गए थे। जीतू बड़े अंतर से चुनाव हारे हैं। इसके बावजूद नई जिम्मेदारी की वजह राहुल गांधी की पसंद माना जा रहा है। जीतू 49 साल के हैं। एलएलबी पढ़े हैं और युवा हैं। भारत जोड़ो यात्रा और जन आक्रोश यात्रा की भी जिम्मेदारी इंदौर संभाग में दी गई थी। 2020 में कमलनाथ सरकार को बचाने के लिए बेंगलुरु भी गए थे। बागी विधायकों को मनाने की कोशिश भी की थी। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अलग-अलग जगहों में राहुल गांधी और कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ नजर आए थे।