संजय गुप्ता, INDORE. मध्य प्रदेश में बहुप्रतिक्षित मंत्रिमंडल का गठन सोमवार को हो गया है, लेकिन जिस तरह से फार्मूले की बात हो रही थी कि हर लोकसभा सीट से एक प्रतिनिधि को लिया जाएगा, वैसा कम से कम मालवा-निमाड़ के लिए तो नहीं हुआ है। यहां मप्र की 29 में से 8 लोकसभा सीट है, जिसमें तीन एसटी सीट (धार, खरगोन और रतलाम), दो एससी (देवास, उज्जैन) और तीन अनारक्षित सीट (इंदौर, मंदसौर और खंडवा) है। इन लोकसभा सीट में से धार, खंडवा और खरगोन लोकसभा सीट ऐसी है, जिसकी विधानसभा में से किसी भी विधायक को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है।
लोकसभा के हिसाब से मिले आठ मंत्री
मालवा-निमाड़ को उज्जैन लोकसभा सीट में शामिल विधानसभा सीट से सीएम, मंदसौर लोकसभा की विधानसभा सीटों से डिप्टी सीएम मिले हैं। रतलाम लोकसभा सीट से तीन मंत्री, इंदौर सीट से दो मंत्री, देवास सीट से एक को मंत्री बनाया गया हैं। वहीं खंडवा, खरगोन और धार संसदीय क्षेत्र में आने वाली विधानसभाओं से किसी विधायक में मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है।
धार, खंडवा, खरगोन लोकसभा सीट में यह हुआ
धार लोकसभा सीट: इस लोकसभा सीट में धार जिले की सातों विधानसभाओं (सरदारपुर, गंधवानी, बदनावर, धार, धरमपुरी, कुक्षी, मनावर) के साथ ही इंदौर जिले की महू सीट शामिल है। आठ सीटों में तीन पर बीजेपी विधायक है। धार में बीजेपी के दो विधायक धार से नीना वर्मा और धरमपुरी से कालू सिंह ठाकुर के साथ ही महू से उषा ठाकुर है। ठाकुर पहले मंत्रिमंडल में शामिल थी लेकिन इस बार उन्हें भी जगह नहीं मिली।
खंडवा लोकसभा सीट: खंडवा की आठ विधानसभा सीट (बागली, मंधाता, खंडवा, पंधाना, नेपानगर, बुरहानपुर, भीकनगांव और बड़वाह) में से बीजेपी के खाते में भीकनगांव (कांग्रेस जीती) को छोड़कर सात सीट है, यानि सात विधायक है, जिसमें अर्चना चिटनिस के साथ आशीष शर्मा (खातेगांव विधायक), मुरली भंवरा (बागली विधायक), मंजू दादू (नेपानगर विधायक) के नाम चर्चाओं में से थे। लेकिन किसी को मंत्री पद नहीं मिला। हालांकि खंडवा जिले की बात करें तो यहां के हरसूद विधासनभा सीट से विजय शाह को मंत्रिमंडल में जगह मिली है, और वह साल 2003 से ही बीजेपी सरकार में लगातार मंत्री है, लेकिन हरसूद सीट बैतूल लोकसभा में शामिल है। लोकसभा के हिसाब से खंडवा सीट का कोई प्रतिनिधि मंत्री नहीं है।
खरगोन लोकसभा सीट: यहां की आठ विधानसभा सीट (महेश्वर, कसरावद, खरगोन, भगवानपुरा, सेंधवा, राजपुर, पानसेमल, बड़वानी) में से बीजेपी के तीन विधायक महेश्वर से राजकुमार मेव, खरगोन से बालकृष्ण पाटीदार और पानसेमल से श्याम बर्डे हैं। इसमें से राजकुमार मेव और पाटीदार दोनों का नाम चर्चाओं में था लेकिन किसी को यहां से मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है।
मध्यप्रदेश कैबिनेट में नवनियुक्त मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और तुलसीराम सिलावट के शामिल होते ही समर्थक और बीजेपी नेता भोपाल रवाना हो गए और वहां पहुंचकर बधाई व शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर जेपी मूलचंदानी, सुंदरदास माखीजा, प्रदीप कुमार खत्री, भगवानदास कटारिया व समाज के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
इन पांच लोकसभा सीट से यह चेहरे हुए शामिल
इंदौर लोकसभा: इस लोकसभा में इंदौर की आठ सीट है (महू सीट धार लोकसभा में शामिल है), सभी सात विधायक में से कैलाश विजयवर्गीय और तुलसी सिलावट को मंत्री पद दिया गया है। हालांकि विजयवर्गीय तो सीएम की दौड़ में भी थे। उधर सिलावट सिंधिया कोटे से मंत्री बने हैं, वह शिवराज सरकार में भी मंत्री थे।
देवास लोकसभा: इस लोकसभा में शामिल आठ विधानसभा सीट में कई दावेदार जैसे सोनकच्छ विधायक राजेश सोनकर, देवास विधायक गायत्री पंवार शामिल थे लेकिन उन्हें जगह नहीं मिली। इस लोकसभा से शिवराज सरकार में भी मंत्री रहे इंदर सिंह परमार जो शुजालपुर (शाजापुर जिले) सीट से विधायक है, उन्हें फिर से मंत्रीमंडल में लिया गया है।
उज्जैन लोकसभा: इस लोकसभा सीट से तो मप्र को सीएम ही मिल गए हैं। डॉ. मोहन यादव उज्जैन जिले की उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक है। इसके चलते बाकी सभी दावेदार पीछे हो चुके हैं।
मंदसौर लोकसभा: इस लोकसभा में शामिल मल्हारगढ़ विधानसभा सीट के विधायक जगदीश देवड़ा डिप्टी सीएम हो गए हैं। इसके चलते यहां के सुवासरा (मंदसैर जिला) सीट के विधायक हरदीप डंग का मंत्रिमंडल से पत्ता कट गया जो पहले शिवराज सरकार में मंत्री थे। इसके साथ ही जावद (नीमच जिले) सीट के विधायक ओमप्रकाश सखलेचा का भी पत्ता कट गया, जो शिवराज सरकार में लघु उद्योग मंत्री थे।
सबसे ज्यादा फायदे में रतलाम लोकसभा सीट में तीन मंत्री
मालवा-निमाड़ जिले की रतलाम सीट सबसे ज्यादा मंत्री वाली लोकसभा सीट बनी है। इस लोकसभा सीट में शामिल अलीराजपुर विधानसभा के विधायक नागर सिंह चौहान, झाबुआ जिले की पेटलावद सीट से विधायक निर्मला भूरिया के साथ ही रतलाम जिले की रतलाम सिटी के विधायक चैतन्य कश्यप को मंत्रिमंडल में जगह मिली है।