सीएम ने किया फोन तो समस्या सुलझाने के लिए सक्रिय हुए अफसर, लेकिन ग्रेडिंग सुधारने के लिए बार-बार हुई शिकायतें हटाई जाएंगी

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Puneet Pandey
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सीएम ने किया फोन तो समस्या सुलझाने के लिए सक्रिय हुए अफसर, लेकिन ग्रेडिंग सुधारने के लिए बार-बार हुई शिकायतें हटाई जाएंगी

BHOPAL. भिंड में लोगों के आश्चर्य का ठिकाना उस समय नहीं रहा जब उनके फोन पर सीएम शिवराज सिंह चौहान का कॉल आ गया। फोन कॉल पर आवाज आई -मैं सीएम शिवराज सिंह बोल रहा हूं.. आपकी जो भी समस्या हो हमें बताएं, हम उसका निदान कराएंगे। यह कॉल उन लोगों की समस्या के समाधान के लिए था जिन्होंने सीएम हेल्पलाइन पर अपनी समस्या दर्ज कराई थी। फोन से लोग तो खुश हुए लेकिन अधिकारियों तनाव में आ गए। वैसे यह कॉल सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों की संवेदनहीनता को दिखाता है। 



एक तरफ तो सीएम लोगों को खुद कॉल कर रहे हैं दूसरी तरफ कई बार शिकायतकर्ताओं की शिकायत को अलग रखने की तैयारी हो गई है। क्योंकि इससे ग्रेडिंग बिगड़ती है। साथ ही यह भी कहा गया है कि कुछ लोग परेशान करने के लिए शिकायत करते हैं। जबकि सच यह है कि परेशान लोग सीएम हेल्पलाइन को अखिरी मदद की तरह देखते हैं।





हजारों केस पेंडिंग





मप्र में जनता की शिकायतों को सुलझाने के लिए सीएम हेल्प लाइन की शुरुआत 1 अगस्त 2014 को की गई थी। लेकिन वर्तमान हालात को देखा जाए तो इस पर 11 हजार से ज्यादा शिकायतें पेंडिंग हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले गृह विभाग के हैं। 





सीएम ने सक्रियता से लोगों की समस्याओं का समाधान किया। मुख्यमंत्री चौहान ने लोगों से कहा- समस्या कोई भी हो, मेरे रहते जरा भी घबराएं या चिंता नहीं करें, सबकी समस्या का न्यायोचित समाधान करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने फोन पर कलेक्टर को शिकायत और समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए। 





सीएम का फोन आया तो सक्रिय हुए अफसर



मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कलेक्टर ने तुरंत टीम बनाई और पांचों अफसरों-कर्मचारियों ने संबंधित लोगों के घर पहुंचकर समस्याओं का निराकरण किया। हालांकि यह सक्रियता तब तक नहीं दिखाई गई जब शिकायत हुई थी। सीएम हेल्पलाइन 181 पर किसी शिकायत को सुलझाने के लिए L1 से लेकर L4 तक चार लेयर होती हैं। हर लेयर के साथ शिकायत को सुलझाने वाले अधिकारियों का पद और कद बढ़ता जाता है। जब आम आदमी द्वारा सीएम हेल्प लाइन 181 पर शिकायत की जाती है तो वह सभी दरवाजे खटखटा चुका होता है और उम्मीद यह की जाती है कि यहां उसकी शिकायत का समाधान मिल सकेगा। लेकिन, यह देखने में अक्सर आता है कि अधिकारियों और कर्मचारियों की टालमटोल के कारण समस्या जहां की तहां रह जाती है। 





जमीनी सच्चाई कुछ और ही कहती है





जिस पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को लोगों की समस्याओं का निराकरण करना है वे ही सीएम हेल्प लाइन में लोगों द्वारा की गई शिकायतों के बाद उन्हें तंग करने लगते हैं। पिछले महीने मुरैना में पुलिसकर्मियों ने एक युवक को इसलिए पीटा क्योंकि उसने सीएम हेल्पलाइन में की शिकायत वापस लेने से मना कर दिया था। विवाद एक चबूतरे को लेकर शुरू हुआ था। पुलिस ने उसे लॉकअप में बंद कर मां के सामने बेरहमी से पीटा। मुरैना के सिहौनियां थाना की प्रभारी रूबी तोमर ने भी जूते से युवक की पिटाई की। पुलिस की मार से युवक की हालत ऐसी हो गई है उसे लाठी के सहारे चलना पड़ रहा है। इतना ही नहीं पुलिसकर्मियों ने युवक से झूठा वीडियो भी बनवाया कि उनसे सीएम हेल्पलाइन में झूठी शिकायत की थी।





इसी तरह की खबर हाल ही में छिंदवाड़ा से आई जहां मारपीट के शिकार युवक ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की थी। युवक का आरोप है कि शिकायत के बाद उससे पुलिसकर्मियों ने कहा कि वे केस को सुलझा देंगे और वह सीएम हेल्पलाइन से शिकायत वापस ले ले। लेकिन तीन माह के बाद भी युवक भटक रहा है। 





शिकायत निपटारे से ज्यादा ग्रेडिंग की चिंता





अब सीएम हेल्पलाइन में एक ही व्यक्ति द्वारा बार-बार की गई शिकायतों को अलग कर दिया जाएगा। ऐसा करने के पीछे कारण हर महीने जारी की जाने वाली जिलावार, विभागवार मासिक ग्रेडिंग को प्रभावित होने से बचाना है। जानकारी के अनुसार संचालक सीएम हेल्पलाइन, भोपाल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि एक ही शिकायतकर्ता की 10 से ज्यादा बार की गई शिकायतों को अलग रखा जाएगा। 





कहा लोग कर रहे दुरुपयोग





कहा जा रहा है कि कुछ लोग सीएम हेल्पलाइन का दुरुपयोग करते हैं। वे दबाव बनाने के लिए लगातार शिकायत करते रहते हैं। इससे वे अपना निजी हित साधते हैं। बार-बार की जाने वाली शिकायतों में अवैध निर्माण और अतिक्रमण की शिकायतें ज्यादा होती हैं।



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