Katni. कटनी में पटवारी गजेंद्र सिंह ने लोकायुक्त ट्रैप में फंसने के बाद रिश्वत की केमिकल लगी रकम क्या निगली, वे देश भर के मीडिया में सुर्खियों पर आ चुके हैं। पैसा खाने वाले अफसर तो सुने थे लेकिन सचमुच रिश्वत की रकम डकार जाने वाले पटवारी ने लोकायुक्त की टीम से काफी मशक्कत कराई। एक कॉन्स्टेबल ने गजेंद्र के मुंह से नोट निकालने की कोशिश भी की लेकिन इस कोशिश में गजेंद्र ने उसकी उंगलियां भी चबा डाली। मवेशी कागज को खाने की क्षमता रखते हैं, पर गजेंद्र ने नोट खाकर खुदको मवेशी साबित करने से गुरेज नहीं किया, वहीं सिपाही की उंगलियां चबाने की घटना सामने आने के बाद लोग उसकी तुलना कुत्ते से भी कर रहे हैं। खास बात यह है कि उक्त पटवारी कोई छोटी शख्सियत नहीं है, पटवारी जी की श्रीमती तहसीलदार हैं।
कागज की लुग्दी का रंग हो गया था गुलाबी
बता दें कि लोकायुक्त की टीम गजेंद्र को भले ही रंगे हाथों न पकड़ पाई हो लेकिन जब अस्पताल में उसे उल्टी करवाई गई तो कागज की जो लुग्दी बरामद हुई थी, केमिकल से अभिक्रिया कर उसका रंग गुलाबी हो गया था। जो कि अपने आप में पर्याप्त सबूत माना जा रहा है। उधर जब उनकी तहसीलदार पत्नी साधना कुजूर से संपर्क किया गया तो वे नाराज हो गईं कि इस मामले में उनसे क्यों बातचीत की जा रही है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि नोटों को निगलने वाले गजेंद्र उनके ही पति हैं। साधना छिंदवाड़ा में पदस्थ हैं।
ऑडियो-वीडियो फुटेज भी मौजूद
इधर लोकायुक्त के अधिकारी कह रहे हैं कि उनके पास गजेंद्र के घूस लेने संबंधी ऑडियो और वीडियो मौजूद हैं। नोट चबाने के दौरान उसके मुंह से फिनाप्थलीन मिला है। यही केमिकल रिश्वत लगे नोटों और उसके संपर्क में आने वाले के अंग में लग जाता है और पानी डालने पर गुलाबी रंग उभरकर सामने आता है।
कलेक्टर ने किया सस्पैंड
इधर इस कार्रवाई के बाद लोकायुक्त की टीम ने जिला मुख्यालय को सूचना प्रेषित कर दी थी, जिस पर कटनी कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से पटवारी गजेंद्र को निलंबित कर दिया है। वहीं लोकायुक्त की टीम ने मामला दर्ज करने के बाद उसे निजी मुचलके पर छोड़ दिया।