ग्वालियर में हैदराबाद पुलिस को अपहरणकर्ता समझकर जनता ने घेरा, पड़ाव थाना पुलिस सुरक्षित निकालकर लेकर आई

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Jitendra Shrivastava
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ग्वालियर में हैदराबाद पुलिस को अपहरणकर्ता समझकर जनता ने घेरा, पड़ाव थाना पुलिस सुरक्षित निकालकर लेकर आई

जितेंद्र सिंह, GWALIOR. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हैदराबाद पुलिस को अपहरणकर्ता समझकर जनता ने चारों ओर से घेर लिया। हैदराबाद पुलिस एक आरोपी को बिना स्थानीय थाना पुलिस की मदद के अपने साथ ले जाने का प्रयास कर रही थी। बाद में स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंचकर हैदराबाद पुलिस को आरोपी के साथ सुरक्षित निकालकर थाने लेकर आई। 



दोनों युवकों ने बैंक को 20 लाख का चूना लगाया



हैदराबाद में बैंक एटीएम में कैश डिपॉजिट करने वाली कंपनी को दो युवकों ने 20 लाख का चूना लगाया है। ठगी की वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपी आराम से ग्वालियर में रह रहे थे। हैदराबाद की साइबर सेल ने बुधवार 28 जून को दोनों युवकों को पकड़ने के लिए ग्वालियर में दबिश दी। इस दौरान आरोपियों के परिचितों ने हैदराबाद पुलिस का विरोध कर दिया। सड़क पर आरोपी जोर-जोर से मदद के लिए चिल्लाने लगा। राहगीरों ने हैदराबाद पुलिस को अपहरणकर्ता समझकर घेर लिया। किसी ने पुलिस को फोन कर दिया। मौके पर पहुंची पड़ाव थाना पुलिस हैदराबाद पुलिस को आरोपी के साथ सुरक्षित निकालकर थाने लेकर आई।



दोस्त के दस्तावेज पर हैदराबाद में नौकरी



हैदराबाद पुलिस के अनुसार आरोपी इंदर सिंह लोधी के फर्जी दस्तावेजों पर उसका दोस्त अशोक झा हैदराबाद की एटीएम मशीनों में कैश जमा करने वाली कंपनी में काम करता था। उसने कंपनी में जो दस्तावेज लगाए थे, वो दस्तावेज शिवपुरी जिले के युवक इंदर सिंह लोधी के थे। अशोक झा, इंदर सिंह का दोस्त है। दोनों शिवपुरी जिले के रहने वाले हैं। दोनों ने मिलीभगत करके कंपनी को 20 लाख से अधिक की चपत लगाई है।



ग्वालियर में रहकर एग्जाम की तैयारी कर रहा था



इंदर सिंह लोधी ग्वालियर के मरीमाता इलाके में किराए के मकान में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। कंपनी ने हैदराबाद पुलिस के सायराबाद जिले की गड़चिबौली, पुलिस से शिकायत पर की थी। हैदराबाद पुलिस, आरोपियों की तलाश करते हुए ग्वालियर के पड़ाव थाना इलाके के मरीमाता इलाके में पहुंची। पुलिस ने जैसे ही आरोपी इंदर सिंह लोधी को पकड़कर कार में बैठाया, वैसे ही उसके परिचितों ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया। उन्होंने हैदराबाद पुलिस को अपहरणकर्ता बताकर राहगीरों का समर्थन जुटा लिया।



100 डायल पर सूचना कर पुलिस बुलाई



हैदराबाद पुलिस की गाड़ी में आरोपी इंदर सिंह था। जनता ने गाड़ी को चारों ओर से घेर लिया। कोई सुनने समझने को तैयार नहीं था। हैदराबाद पुलिस ने एफआईआर की कॉपी भी दिखाई, लेकिन जनता उन्हें अपराधी समझ रही थी। फिर हैदराबाद पुलिस ने स्वयं 100 डायल पर फोन कर स्थानीय पुलिस की मदद मांगी। पड़ाव थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हैदराबाद पुलिस को आरोपी समेत सुरक्षित निकालकर थाने पहुंची। हालांकि, मुख्य आरोपी अशोक झा अभी भी फरार है।



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आरोपी को पकड़ने आए थे गलतफहमी हो गई



हैदराबाद पुलिस के सब इंस्पेक्टर सुरेंद्र रेड्डी का कहना है कि एटीएम में कैश जमा करने के बजाय दोनों ने मिलकर गबन किया है। उनकी तलाश करते-करते ग्वालियर आए थे। सूचना मिली कि इंदर सिंह मरीमाता इलाके में रहता था। वहां तलाश कर रहे थे तभी अचानक मिल गया। फरार न हो जाए इसलिए पकड़ लिया। अचानक सबकुछ होने से स्थानीय थाना पुलिस को सूचित नहीं कर पाए।



बिना सूचना दिए आए थे इसलिए विवाद हो गया 



पड़ाव थाना प्रभारी प्रशांत यादव ने बताया कि हैदराबाद में 20 लाख के गबन में दोनों आरोपी हैं। हैदराबाद पुलिस बिना सूचना और मदद लिए आरोपी को पकड़ने पहुंच गई थी। जनता ने उनको अपराधी समझ विवाद की स्थिति बन गई थी। जानकारी मिलते ही उन्हें थाने ले आए हैं।


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