संजय गुप्ता, INDORE. राज्य सेवा परीक्षा 2019 के अंतिम रिजल्ट के इंतजार कर रहे उम्मीदवारों का धैर्य अब टूटने लगा है। इस मामले में उम्मीदवारों ने सोमवार 18 दिसंबर को पीएससी के बाहर प्रदर्शन किया। उम्मीदवार हाथों में रिजल्ट जल्दी दो के नारे लिखकर तख्तियां लेकर खड़े रहे। उन्होंने कहा कि अब नवनिर्वाचित सरकार तक बन गई है, हमारी मांगों पर ध्यान दिया जाए, सरकार और आयोग हमारी सुने और कब तक परीक्षा ली जाएगी। अब रिजल्ट जारी किया जाए।
पीएससी ओएसडी डॉ. रविंद्र पंचभाई से 'द सूत्र' ने की सीधी बात...
पीएससी ने रिजल्ट के लिए अर्जेंट हियरिंग लगाई, लेकिन खुद आपके ही वकील हाईकोर्ट नहीं पहुंचे।
जवाब- राज्य सेवा परीक्षा 2019 के लिए हाईकोर्ट का जो सिंगल बेंच का आदेश आया था वह 542 याचिका पर आए आदेश से विरोधाभासी है, इसलिए ही याचिका लगाई और मेंशन भी लिया, लेकिन आकस्मिक रूप से एजी साहब को कहीं जाना पड़ गया, इसलिए तारीख आगे बढ़ गई, हम कोशिश कर रहे हैं फिर से मेंशन लेकर जल्द सुनवाई हो सके।
सर पांच साल होने को है रिजल्ट कब तक।
जवाब- इसमें पहले कोविड के चलते, फिर ओबीसी आरक्षण मुद्दे कारण भी देरी हुई है। फिर जो कोर्ट में मामले चल रहे हैं, इसके चलते भी रुके हुए हैं, वहां से जैसे ही आदेश आएगा जल्द रिजल्ट जारी करेंगे।
कोर्ट में सुनवाई में देरी हुई तो कब तक इंतजार करेंगे।
जवाब- माननीय न्यायालय के सामने पक्ष रख रहे हैं, यदि वह अंतिम आदेश नहीं अंतरिम आदेश भी देंगे तो हम रिजल्ट जारी कर देंगे। वहां बात रख रहे हैं।
389 उम्मीदवारों को लेकर क्या करेंगे।
जवाब- अभी की स्थिति में उनके इंटरव्यू लिए जाने वाला आदेश स्टैंड कर रहा है, इस पर कार्रवाई जारी है।
ये है पूरा मामला
राज्य सेवा परीक्षा 2019 कुल 571 पदों के लिए निकली, इसकी प्री हुई, इसका रिजल्ट आया। इसी बीच परीक्षा नियम को लेकर याचिका लगी जिसमें उम्मीदवारों को उसी कैटेगरी में रखा जाए वाला परीक्षा नियम था, यानि एसटी, एससी एक कैटेगरी से दूसरी कैटेगरी में शिफ्ट नहीं होंगे। इसी बीच मेंस का रिजल्ट आ गया और 1918 को इंटरव्यू के लिए पात्र माना गया। वहीं बाद में हाईकोर्ट का फैसला आया जिसमें परीक्षा नियम जिसमें आरक्षित कैटेगरी के उम्मीदवारों को उन्ही की कैटेगरी में ही रखे जाने का नियम था, उसे खारिज किया गया। इसी बीच फिर मप्र शासन ने ओबीसी आरक्षण को देखते हुए 87-13 फीसदी का फार्मूला जारी कर दिया। अक्टूबर 2022 में आयोग ने हाईकोर्ट के नए आदेश और ओबीसी आरक्षण पर आए शासन के नए फार्मूले के तहत मेंस का रिजल्ट जीरो कर दिया और नए सिरे से प्री का रिजल्ट जारी कर नए सिरे से मेंस जारी कराने का फैसला लिया। लेकिन नवंबर 2023 में हाईकोर्ट ने यह आदेश रद्द कर फैसला दिया कि नए रिजल्ट में जारी 2721 उम्मीदवारों की रिमेंस ली जाए, सभी की मेंस लेने की जरूरत नहीं है और फिर रिजल्ट जारी किया जाए। आयोग ने रिमेंस ली और फिर नए सिरे से रिजल्ट जारी किया और अगस्त से सभी के इंटरव्यू शुरू किए। वहीं पूर्व रिजल्ट में पास और बाद में फेल उम्मीदवार हाईकोर्ट गए और वहां से अंतरिम आदेश आए कि इनके भी इंटरव्यू लिए जाएं। वहीं एक आदेश आया नार्मलाइजेशन कर रिजल्ट जारी करने का। फिर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के साथ ही पूर्व रिजल्ट में पास और बाद में फेल सभी 389 उम्मीदवारों के इंटरव्यू कराने का आदेश दिया। इन सभी आदेशों के बीच में उलझे मामले के चलते आयोग ने कुछ दिन पहले हाईकोर्ट में यायिका दायर कर दी, जिसमें 15 दिसंबर को सुनवाई नियत थी, लेकिन सुनवाई के लिए शासकीय अधिवक्ता, एजी ही नहीं पहुंचे जिसके बाद अब इसे 12 फरवरी तक बढ़ा दिया है। इसके चलते उम्मीदवार फिर रिजल्ट के लिए अटक गए हैं।