BILASPUR. देशभर में ड्रग्स-शराब का दायरा बढ़ता ही जा रहा है, जिसे लेकर राज्य और केंद्र सरकार तरह-तरह के जतन भी कर रहे हैं। इस बीच, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई गई, जिसमें ओटीटी प्लेटफॉर्म्स में दिखाए जाने वाले वेब सीरीज में ड्रग्स और शराब के प्रचार पर रोक के संबंध में थी। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार गंभीर है। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम जारी किया गया है। इसके अंतर्गत शिकायत की व्यवस्था है।
चेम्बर ऑफ कॉमर्स और बिलासपुर अग्रवाल सभा ने लगाई याचिका
दरअसल, संभागीय चेम्बर ऑफ कॉमर्स और बिलासपुर अग्रवाल सभा के अध्यक्ष रामावतार अग्रवाल ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई थी। इसमें ओटीटी (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्म के वेब सीरीज के साथ-साथ टीवी और अखबार में ड्रग्स, शराब और सिगरेट के प्रचार पर रोक लगाने की मांग की थी। अधिवक्ता अंकित सिंघल, आशीष मित्तल और अर्पित अग्रवाल ने याचिका में कहा कि शराब और सिगरेट बनाने वाली कंपनियां उसी प्रोडक्ट के नाम पर सोडा या म्यूजिक सीडी बनाती है। इसके जरिए प्रचार-प्रसार किया जाता है। इस तरह नशीले उत्पादों के प्रचार पर लगी रोक का उद्देश्य पूरा नहीं होता। इसे रोकने के लिए ओटीटी के साथ अन्य माध्यमों पर निगरानी जरूरी है।
केंद्र सरकार के जवाब के बाद कोर्ट ने PIL डिसमिस की
इस मामले में हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किया था। डिप्टी सॉलिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में भारत सरकार द्वारा इस गंभीर समस्या के निवारण के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम जारी किया गया है। इसकी धारा 10, 11 और 12 के अंतर्गत शिकायत निवारण प्रणाली की व्यवस्था की गई है। जिन लोगों को किसी कंटेंट पर आपत्ति है तो वे शिकायत निवारण अधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज करा सकते हैं। केंद्र सरकार के जवाब के आधार पर हाईकोर्ट ने जनहित याचिका निराकृत कर दी।
फरवरी 2021 में बन चुका कानून
हाईकोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए डिप्टी सालिसिटर जनरल रमाकांत मिश्र ने बताया कि फरवरी 2021 में ही इस पर रोक लगाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ) दिशा निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 नियम बनाने के साथ अधिसूचना जारी की जा चुकी है। इस नियम की धारा 10 के तहत शिकायतों के निवारण की व्यवस्था की गई है।