450 में सिलेंडर का वादा पूरा होने के बाद अब इंतजार पेट्रोल और डीजल की दरों में राहत का, जल्द मिल सकती है खुशखबरी

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Chakresh
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450 में सिलेंडर का वादा पूरा होने के बाद अब इंतजार पेट्रोल और डीजल की दरों में राहत का, जल्द मिल सकती है खुशखबरी

मनीष गोधी @ JAIPUR

राजस्थान की भाजपा सरकार द्वारा 450 रुपए में सिलेंडर देने का वादा पूरा किए जाने के बाद अब प्रदेश की जनता को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत का इंतजार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के चुनाव चुनाव प्रचार के दौरान पेट्रोल और डीजल की कीमतों की समीक्षा करने का भरोसा दिला कर गए थे। खुद भाजपा ने भी राजस्थान के चुनाव में यहां पेट्रोल और डीजल पर सबसे ज्यादा वैट (VAT- VALUE ADDED TAX) वसूले जाने को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था। ऐसे में प्रदेश की जनता मोदी की गारंटी के पूरे होने का इंतजार कर रही है। वैसे इस बारे में जल्द फैसला होने की उम्मीद है, क्योंकि सरकार के अधिकारियों ने पेट्रोलियम डीलर्स के साथ बातचीत शुरू कर दी है।

राजस्थान में वैट और रोड सेस मिला कर सबसे महंगा पेट्रोल और डीजल

देश में सबसे ज्यादा महंगा पेट्रोल और डीजल राजस्थान में बिक रहा हैं। प्रदेश में अभी पेट्रोल पर 31.04 प्रतिशत वैट के साथ ही 1.50 रुपये प्रति लीटर रोड डेवलपमेंट सैस भी वसूला जा रहा है। इसी तरह डीजल पर 19.30 प्रतिशत वैट के साथ 1.75 रुपये प्रति लीटर सैस वसूला जा रहा है. देश से ज्यादा पेट्रोल पर वैट वैसे तो तेलंगाना में है. मगर वहां कोई अतिरिक्त सैस न होने से राजस्थान से सस्ता पेट्रोल मिल रहा है। राजस्थान के गंगानगर में पेट्रोल और डीजल की दर देश में सबसे ज्यादा है। यहां पेट्रोल 113.48 रुपए प्रति लीटर और डीजल 98.24 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। 

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पड़ोसी राज्यों के मुकाबले 12 से 16 रुपए तक महंगा

राजस्थान के पड़ोसी राज्यों की बात करें तो मध्य प्रदेश को छोड़ कर अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान में पेट्रोल 12 से 16 रुपए और डीजल दस रुपए तक महंगा है। पड़ोसी राज्य हरियाणा की बात करें तो वहां पर 18.20% पेट्रोल और 16% वैट डीजल पर है, जबकि पंजाब में 13.77% पेट्रोल पर वैट है, जबकि डीजल पर 9.92% वैट है। इसी तरह से दिल्ली की बात करें तो वहां पर 19.40% पेट्रोल पर वैट जबकि 16.75% डीजल पर वैट है. इसी तरह से गुजरात में देखें तो वहां पर 13.70% वैट पेट्रोल पर है, जबकि 14.90% डीजल पर वैट है।

इसका परिणाम यह है कि गंगानगर पंजाब से लगता हुआ जिला है और यहां पेट्रोल पंजाब के मुकाबले 16.50 रुपए प्रति लीटर तथा डीजल 10.93 रुपए प्रति लीटर तक महंगा है। वही गुजरात, हरियाणा और मध्य प्रदेश से लगते हुए जिलों में अंतर 12 रुपए प्रति लीटर तक है।

बंद हो रहें हैं पेट्रोल पंप

कीमतों में इतने अंतर का नतीजा यह है कि राजस्थान के जो जिले पंजाब, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश से जुड़े हुए हैं उन जिलों में पेट्रोल पंप बंद होने की नौबत आ गई है। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुमित बगई कहते हैं कि इन राज्यों से लगते जिलों में पिछले कुछ वर्षों में करीब ढाई सौ पेट्रोल पंप बंद हो गए हैं और और बिक्री 35 से 80% तक कम गई है क्योंकि लोग दूसरे राज्य में जाकर पेट्रोल और डीजल भरवाते हैं। पेट्रोल और डीजल पर वैट की दरों को तर्क संकट बनाने के लिए पेट्रोल पंप संचालकों ने इसी वर्ष सितंबर में दो-दो दिन तक पेट्रोल पंप बंद भी रखे थे लेकिन इसका कोई असर हुआ नहीं।

राजस्थान की कमाई का सबसे बड़ा जरिया बने हुए हैं पेट्रोल और डीजल

दरअसल राजस्थान में पेट्रोल डीजल पर वसूला जा रहा वैट सरकार की कमाई के सबसे बड़े स्रोतों में से एक है। राजस्थान सरकार को पेट्रोल और डीजल पर वैट से लगभग 12000 करोड रुपए सालाना की आय हो रही है। यही कारण है कि पिछली सरकार तमाम दबावों के बावजूद पेट्रोल डीजल पर वैट काम करने के लिए तैयार नहीं थी। हालांकि इसका दूसरा पहलू यह है कि यदि पेट्रोल और डीजल पर वैट कम कर दिया जाए तो राजस्थान में इसकी खपत बढ़ सकती है और कमाई ज्यादा हो सकती है। सुमित बगई बताते है कि कुछ समय पहले खुद सरकार ने एक अध्ययन करवाया था जिस्मों यह सामने आया था कि कीमत में तीन रुपए प्रति लीटर की भी कमी की जाती है तो सरकार को हो रहीं आय में फर्क नही पड़ेगा क्योंकि इसकी खपत बढ़ जाएगी।

जल्द फैसले की उम्मीद

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी के मामले में जल्द ही फैसला होने की उम्मीद बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार वित्त विभाग के अधिकारियों ने पेट्रोलियम कंपनी और पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को आज शाम बातचीत के लिए बुलाया है। इसे बातचीत के बाद सरकार नए साल के पहले सप्ताह में इस बारे में कोई निर्णय कर सकती है।

केंद्र सरकार के स्तर पर भी हो सकता है फैसला

सूत्रों का कहना है की राजस्थान ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 8 से ₹10 की कमी किए जाने का फैसला जल्द हो सकता है। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए आम जनता को बड़ी राहत देने की तैयारी है। सूत्रों के मुताबिक, पेट्रोलियम मंत्रालय ने प्रधानमंत्री की मंजूरी के लिए दोनों ईंधनों में 8 से 10 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती को शामिल करते हुए एक प्रस्ताव तैयार किया है, जो जल्द ही पास हो सकता है।

अप्रैल 2022 से सरकारी तेल कंपनियों की तरफ से ईंधन की पूर्व-रिफाइनरी कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। चालू वित्त वर्ष में कच्चे तेल की कम कीमतों से तीन सरकारी तेल कंपनियों - इंडियन ऑयल कॉर्प (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्प (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प (HPCL) को बड़ा मुनाफा हुआ है. इसके साथ ही इस वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में, IOC, BPCL और HPCL ने संयुक्त रूप से 58,198 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है।


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