जितेंद्र सिंह, GWALIOR. केंद्रीय जेल ग्वालियर में हत्या की सजा काट रहे बंदियों द्वारा मोबाइल से फोटो सेशन कराने का मामला सामने आया है। फोटो वायरल होने के बाद जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खडे हो गए हैं। वहीं, जेल अधीक्षक ने फोटो सेशन की बात को सिरे से नकार दिया है। उनका कहना है कि डिस्पेंसरी में काम करने वाले बंदी चिकित्सक की विदाई समारोह में मौजूद थे। वहीं, मेरे मोबाइल से फोटो खींेचे गए थे।
आठ कैदियों के फोटो वायरल
ग्वालियर केंद्रीय जेल में अभिषेक रघुवंशी, देवी सिंह, अभिषेक त्रिपाठी, शेरू जाटव, प्रमोद, बंटी, प्रदीप और सुनील सजा काट रहे हैं। शहर में उनका फोटो सेशन कराते ग्रुप फोटो वायरल हो रहा है। जिसमें आठों एक साथ अलग-अलग फोटो खिंचवाते दिखाई दे रहे हैं। एक फोटो में जेल डिस्पेंसरी में पदस्थ डॉक्टर भी उनके साथ हैं। जिसके बाद से जेल की व्यवस्था पर सवालियां निशान लग रहे हैं। वहीं, सवाल उठ रहा है कि बंदियों पर जेल में मोबाइल आया कहां से।
डॉक्टर के सहयोग से शाही जिंदगी
जेल प्रशासन पर अक्सर बंदियों को शाही सुविधा देने के आरोप लगते रहे हैं। वहीं, आरोप है कि तमाम हत्या और बलात्कार की सजा काट रहे बंदी जेल डॉक्टर के सहयोग से शाही जिंदगी जीते हैं। डॉक्टर जिस पर मेहरबान हो जाए उसे जेल में कोई दिक्कत नहीं आती है। किसी न किसी बीमारी का बहाना बनाकर डॉक्टर की मदद से ऐश की जिंदगी जीते हैं।
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अधीक्षक बोले, मेरे मोबाइल से खींचे फोटो
ग्वालियर केंद्रीय जेल के अधीक्षक विदित सिरवैया ने फोटो सेशन की बात को सिरे से नकार दिया। उनका कहना है कि फोटो मेरे मोबाइल से खींचे गए थे। उन्होंने कहा कि जेल डिस्पेंसरी के डॉक्टर वर्षों से सेवा दे रहे हैं। उनका रिटायरमेंट था। परिजन भी आए थे। बंदी जेल में और अस्पताल में काम करते हैं। विदाई समारोह में डिस्पेंसरी में काम करने वाले बंदी भी शामिल हुए थे। उसी दौरान मेरे मोबाइल से फोटो खींचे गए।