चंबल-बेतवा समेत मप्र में यमुना की आठ सहायक नदियों के आसपास होगा प्लांटेशन, 542 करोड़ खर्च होंगे 

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BP Shrivastava
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चंबल-बेतवा समेत मप्र में यमुना की आठ सहायक नदियों के आसपास होगा प्लांटेशन, 542 करोड़ खर्च होंगे 

BHOPAL. केंद्र सरकार ने यमुना नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए मप्र में उसकी 8 प्रमुख सहायक नदियों के कैचमेंट ट्रीटमेंट का मास्टर प्लान बनाकर मप्र को भेजा है। इसे रेजुविनेशन ऑफ यमुना रिवर थ्रू फॉरेस्ट्री इंटरवेंशन नाम दिया गया है। यह कार्य नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा की गतिविधियों को मप्र में सक्रिय करने के लिए किया जा रहा है। इस अभियान के तहत चंबल-बेतवा समेत मप्र में यमुना की आठ सहायक नदियों के आसपास 48048 हेक्टेयर क्षेत्र में प्लांटेशन पर करीब 542 करोड़ रुपए खर्च होंगे।



नदियों के दोनों ओर 2-2 किमी पट्टी पर होगा प्लांटेशन



जानकारी के अनुसार इस अभियान में मप्र की चंबल, बेतवा, गोदर, गंभीर, काली सिंध, केन, पार्वती और सिंध को शामिल किया गया है। इन सभी नदियों के दोनों ओर 2-2 किमी की पट्टी पर प्लांटेशन का लक्ष्य है। इन नदियों के किनारे मप्र वन विभाग का 48048 हेक्टेयर क्षेत्र मौजूद है, 5 साल में इस प्लांटेशन पर करीब 542 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इसमें कुछ राशि केंद्र उपलब्ध कराएगा, जबकि कुछ राशि राज्य सरकार को देनी होगी।



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केंद्र से सीवेज ट्रीटमेंट और घाट निर्माण के 5 प्रोजेक्ट मंजूर, बैठक आज



केंद्र सरकार के इस अभियान के तहत मप्र के पांच शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट और घाट निर्माण से जुड़े 704 करोड़ के पांच प्रोजेक्ट मंजूर किए हैं। अब इन पर अमल करने के लिए बुधवार (26 जुलाई) को मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस की अध्यक्षता में मप्र स्टेट गंगा (रेजुविनेशन, प्रोटेक्शन एंड मैनेजमेंट) कमेटी की पहली बैठक होने जा रही है।



पहली बार होगी मप्र में स्टेट गंगा कमेटी की बैठक



दरअसल, नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) की शुरुआत वर्ष 2017 में हुई थी। 9 राज्य इस मिशन का हिस्सा बनाए गए थे। 11 जुलाई को सभी 9 राज्यों में स्टेट गंगा कमेटी के गठन की अधिसूचना केंद्र सरकार ने जारी की थी। लेकिन गंगा बहाव वाले पांच राज्यों (उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल) को छोड़कर बाकी 4 राज्यों ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। इनमें मप्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं। लेकिन केंद्र से प्रोजेक्ट मंजूर होते ही इनकी निगरानी के लिए कमेटी का गठन किया गया है। मप्र में पहली बार इसकी बैठक होगी।



इंदौर की खान नदी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए सबसे ज्यादा राशि मंजूर



केंद्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश को नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के तहत 704 करोड़ रुपए के पांच प्रोजेक्ट मंजूर किए हैं। इनमें सबसे बड़ा 511 करोड़ का इंदौर शहर का खान नदी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रोजेक्ट है। शिप्रा नदी से जुड़ा उज्जैन शहर का सीवेज ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट 92 करोड़ रुपए का है। सतना के चित्रकूट में मंदाकिनी और मंदसौर में शिवना नदी पर घाट निर्माण किया जाना है। इसके अलावा ग्वालियर में मुरार (बैसली) नदी पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगना है। गंगा ​की दो सहायक नदिया सोन और तमसा (टोंस) के कैचमेंट में पौधे रोपने की प्लानिंग पर भी काम चल रहा है।


रेजुविनेशन ऑफ यमुना रिवर थ्रू फॉरेस्ट्री इंटरवेंशन एमपी की चंबल-बेतवा समेत 8 नदियों पर होगा प्लांटेशन नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा Rejuvenation of Yamuna River through forestry intervention plantation will be done on 8 rivers including Chambal Betwa of MP मध्यप्रदेश न्यूज National Mission for Clean Ganga Madhya Pradesh News