संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर पुलिस इंटेलीजेंस विंग ने सभी थाना प्रभारियों को एक गोपनीय पत्र जारी कर ईसाई मिशनरी की जानकारी भेजने के आदेश जारी किए। वहीं थाना प्रभारियों ने यह जानकारी जुटाने की जगह सीधे चर्च, ईसाई मिशनरी को ही यह पत्र जारी कर जानकारी भेजने का बोल दिया। इसके बाद इंदौर में विवाद खड़ा हो गया है। पुलिस के खिलाफ सभी ईसाई मिशनरी रविवार को एकजुट हो गए हैं और इसका विरोध शुरू कर दिया गया है। इस पत्र में ईसाई मिशनरी के कामों को लेकर संदेह जताते हुए कई गंभीर जानकारी जुटाने के लिए कहा गया है।
पत्र में यह जानकारी जुटाने के लिए कहा गया
पत्र में लिखा है कि आपके थाना क्षेत्र में संचालिक ईसाई मिशनरी की जानकारी इस प्रोफाइल के तहत संबंधित ईमेल पर दो दिन में भेज दी जाए। यह पत्र सात जुलाई का है। यह भी पूछा गया कि वह राजनीतिक गतिविधियों में तो नहीं है...
- क्रिश्चिन मिशनरीज का नाम, काम, उद्देश्य, मुख्य गतिविधियां।
इंदौर में 300 से ज्यादा जगह भेजे गए नोटिस
इंदौर पुलिस द्वारा ईसाई संस्थाओं से जुड़े 300 लोगों को नोटिस जारी हुए है। सरकार ने समाज के संगठनों की गोपनीय जानकारी मांगी थी। ये नोटिस ईसाई समाज की विभिन्न संस्थाओं, चर्च से जुड़े लोगों, पादरी आदि को जारी किए गए हैं। इसमें पुलिस ने 16 बिंदुओं में जानकारियां मांगी थी। नोटिस पर समाज में बवाल हुआ तो पुलिस कमिश्नर ने गलती मानते हुए इन्हें वापस भी ले लिया है, लेकिन समाज इससे नाराज है। उनका कहना है कि यदि गोपनीय रूप से भी ऐसी कोई जानकारी जुटाई जा रही है तो वह बहुत आपत्तिजनक है।
चुनाव के पहले बीजेपी के लिए आएगी मुश्किल
इंदौर में ईसाई समाज की संख्या 60 हजार से अधिक है। कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट समुदाय के छोटे बड़े मिलाकर 40 से ज्यादा चर्च हैं। इतने ही इनके संगठन हैं। ये संगठन शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर अलग-अलग क्षेत्रों में काम करते है। इन नोटिस से बीजेपी के लिए मुश्किल बढ़ गई है।
पहले मिल चुका है स्टे
हाईकोर्ट अधिवक्ता राजेश जोशी बताते हैं कि झाबुआ एसडीएम ने भी पहले ऐसा ही एक नोटिस भेजा था। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के आधार पर उस नोटिस पर स्टे दिया था। हमारा संविधान सभी को अपनी इच्छा से धर्म पालन की पूरी स्वतंत्रता देता है।