RAIPUR.शहीद बिरसा मुंडा के बलिदान दिवस पर बीजेपी ने शुक्रवार (9 जून) से आदिवासी क्षेत्रों में पुरखौती सम्मान यात्रा शुरु की है। सोनाखान, नेतानार, अंतागढ़ और कैलाश गुफा पत्थलगांव से यात्रा शुरू हुई है। छत्तीसगढ़ बीजेपी आदिवासी और पिछड़ों को साधने के लिए एक खास रणनीति के तहत ये यात्रा निकाल रही है। इसको लेकर जबरदस्त सियासत भी शुरू हो गई है।
छत्तीसगढ़ बीजेपी की खास रणनीति
बीजेपी की पुरखौती सम्मान यात्रा आदिवासी महानायकों वीर नारायण सिंह, बलिदानी गुंडाधुर, बलिदानी गेंदसिंह सिंह जैसे महान विभूतियों की जन्मस्थली से जिला मुख्यालयों तक की जाएगी। इस यात्रा के जरिए बीजेपी आदिवासी गौरव के प्रतीक पुरुषों के प्रति सम्मान व्यक्त कर रही है। ये यात्रा सोनाखान, नेतानार ,अंतागढ़, और कैलाश गुफा बगीचा, प्रतापपुर से यात्रा शुरु हुई। सोनाखान में शुरू हुई यात्रा की अगुवाई बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष विकास मरकाम और डमरूधर पुजारी ने किया। वहीं नेतानार से शुरू हुई यात्रा की अगुवाई पूर्व मंत्री केदार कश्यप, महेश गागड़ा, लता उसेंडी ने किया। इसी तरह अंतागढ़ से शुरू हुई यात्रा की शुरुआत पूर्व सांसद विक्रम उसेंडी, भोजराज नाग ने किया। कैलाशगुफा बगीचा से शुरू होने वाली यात्रा में प्रमुख रूप से पूर्व मंत्री ननकी राम कंवर, सुनीति राठिया शामिल हुए। इसी तरह प्रतापपुर से शुरू होने वाली यात्रा की अगुवाई पूर्व मंत्री रामसेवक पैंकरा करेंगे। पुरखौती यात्रा एक दिन में 30 से 40 किमी तक की जायगी।
पुरखौती सम्मान यात्रा को लेकर वार- पलटवार
बीजेपी की पुरखौती सम्मान यात्रा को लेकर जमकर सियासत भी देखी जा रही है। सीएम भूपेश बघेल ने तंज कसते हुए कहा कि अब चुनाव है तो उन्हें पुरखों की याद आ रही है । रमन सिंह जिन्हें मोबाइल बांटे उन्हें ढूंढ़ने निकलना चाहिए। कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने भी इस पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा आदिवासियों के मामले में बैकफुट पर हैं, इनका सामाजिक गणित बिगड़ चुका है। आरक्षण को लेकर भाजपा पहले तो दिखावा करती रही, लेकिन जैसे ही विधानसभा में विधेयक पारित हुआ, उस दिन से इनके मुंह पर ताला लग गया है। भाजपा ने विश्व आदिवासी दिवस के दिन अपने आदिवासी अध्यक्ष विष्णुदेव साय को हटा दिया। संसद भवन का उद्घाटन भी राष्ट्रपति से नहीं कराया। देश का आरक्षण, प्रदेश का आरक्षण, सांसद भवन का उद्घाटन जैसे तमाम सवालों का जवाब पहले भाजपा दे।
- ये भी पढ़े...
राम वन गमनपथ का हिसाब बताएं सीएम- रमन सिंह
सीएम के बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि पुरखौती यात्रा पर सीएम को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। पूरे राम वन गमनपथ का हिसाब तो बताएं। सिर्फ विज्ञापन छपवाने के अलावा राज्य शासन के बजट से कुछ भी खर्च नहीं किया है। आदिवासी नेता और पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि आदिवासियों की बात करने वाले अमरजीत भगत को अगर आदिवासी संस्कृति की चिंता है तो आदिवासियों का धर्मांतरण बंद करवाना चाहिए। चुनाव के पहले कांग्रेस और भाजपा सहित सभी दलों के नेता किसी भी तरह जनता तक पंहुचने की कोशिश कर रहें है। पुरखौती सम्मान यात्रा भाजपा का आदिवासियों तक पहुंचने का एक जरिया है। अब तो समय ही बताएगा कि भारतीय जनता पार्टी को इस पुरखौती सम्मान यात्रा से कितना फायदा होता है और क्या वे आदिवासियों को साध पाए हैं।