नितिन मिश्रा, RAIGARH. रायगढ़ जिले में पांच गांव के सैकड़ों ग्रामीण धरने पर बैठे हुए हैं। ग्रामीणों ने कोयला सर्वेक्षण के लिए आई सर्वे टीम का विरोध किया है। नई नीति के तहत मुआवजा नहीं मिलने से ग्रामीण नाराज है।ग्रामीणों का आरोप है कि जिस भूमि का अर्जन नहीं हुआ है वहां पर अभी से खदानों से निकलने वाली मिट्टी डाली जा रही है। अब ग्रामीणों का एक दल कलेक्टर से मुलाकात करेगा। जहां कंपनी, ग्रामीण और प्रशासन के बीच त्रिपक्षीय वार्ता होगी।
पांच गांव के सैकड़ों ग्रामीण कर रहे विरोध
रायगढ़ जिले में तमनार में पहले गारे पेलमा-1 कोयला खदान का सर्वे रोका गया। अब पिछले तीन दिनों से पांच गांव के सैकड़ों ग्रामीण जिंदल को मिली गारे पेलमा 4/6 खदान का काम रोककर धरने पर बैठे हुए हैं।जिले में पूर्व में मंजूर खदानों का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। धरमजयगढ़ इलाके में दो खदानों के सर्वे का नई नीति के तहत मुआवजे की मांग पर ग्रामीणों ने विरोध किया । इसके बाद तमनार की गारे पेलमा-1 में सर्वे रोका गया और अब गारे पेलमा 4/6 खदान का विरोध ग्रामीण कर रहें है। गारे, लमदरहा, खम्हरिया, करवाही, सरईटोला और मुड़ागांव के ग्रामीण सड़क पर धरना दे रहें हैं। ग्रामीणों को समझने के लिए एसडीएम, पटवारी भी मौके पर पहुंचे। लेकिन ग्रामीण ने किसी की एक नहीं सुनी। ग्रामीण अब भी विरोध पर डटे हुए हैं।
जिस भूमि का अर्जन नहीं वहां डाल रहे मिट्टी
पांचों गांव के ग्रामीण पर्यावरणीय स्वीकृति और ग्राम सभा की इजाजत दिखाने की बात कह रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि खदान में हटाई जा रही मिट्टी उन किसानों के खेतों में डाली जा रही है, जिनकी जमीन का अर्जन हुआ ही नहीं है। तहसीलदार समेत राजस्व अमला विवाद सुलझाने पहुंचा लेकिन ग्रामीणों ने बात नहीं मानी और ग्रामीण ग्राम सभा की अनुमति दिखाने के लिए अड़े हुए हैं।। ग्रामीण आज यानी 23 अगस्त को ग्रामीणों का दल कलेक्टर से मिलेगा। इसके साथ ही घरघोड़ा एसडीएम ने कम्पनी प्रबंधन, ग्रामीणों के साथ त्रिपक्षीय बैठक कराने की बात कही है।
अदानी को मिला है टेंडर
गारे पेलमा -1 खदान एसईसीएल को दी थी जिसे एमडीओ पर अदानी को दिया गया है। इस खदान के लिए सर्वे करने पहुंची राजस्व की टीम का ग्रामीणों ने पुरजोर विरोध किया। ग्रामीण जमीन के जमीन या चार गुना मुआवजा जैसी मांग कर रहे हैं। लगभग चार महीनों से प्रशासन, कम्पनी और ग्रामीणों के बीच बैठक चल रही है लेकिन मामला अभी तक नहीं सुलझ पाया है।