नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में सर्व आदिवासी समाज के नेता अरविंद नेताम ने UCC पर बयान दिया हैं। अरविंद नेताम ने कहा कि सरकार को अच्छे से सोंच-विचार करे,जल्दीबाजी ना करें। आदिवासी क्षेत्रों का अध्ययन करने के बाद ही कोई निर्णय लें। वहीं प्रधानमंत्री के दौरे पर उन्होंने कहा कि नेताओं का दौरा सामान्य बात है। हम चुनावी मैदान में उतरेंगे। अभी तय नहीं लेकिन किसी पार्टी के बैनर तले ही चुनाव लड़ेंगे। कई संगठनों ने बात चल रही है।
UCC पर बोले अरविंद
छत्तीसगढ़ के सर्व आदिवासी समाज के नेता अरविंद नेताम ने केंद्र सरकार द्वारा यूनिफार्म सिविल कोड पर बयान दिया है। अरविंद नेताम लोकसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री रहें हैं। उन्होंने कहा है कि सबसे चर्चा का विषय यदि किसी पर है तो सामान्य नागरिक संहिता पर है। सारा समाज इस बात पर परेशान तो नहीं कह सकता। पर थोड़ा सा है कि यह क्या होगा कि पहली बार भारत सरकार बहुत गंभीर है इस विषय को लेकर। पर संविधान में भी यह बात कहा गया है कि समाज में सामान्य नागरिक संहिता लागू हो जाए तो की दिक़्क़त नहीं।भारत सरकार मसौदा एयरड्राफ्ट लाए हैं। लेकिन इसके लिए भी अध्ययन जरूरी है। मुझे जो आशंका है कि इससे परेशानी बढ़ेगी। आदिवासी समाज के लिए जो सामाजिक कानून हैं सब आड़े आएंगे। पैसा क़ानून का क्या होगा, सब कानूनो का क्या हस्र होगा ये चिंता का विषय है। सरकार को हम कह रहे हैं जल्दीबाजी ना करें। आदिवासी इलाक़े का अध्ययन करना चाहिये। इन सब व्यवस्ताओं को आदिवासी सामाजिक कानूनों को अध्ययन कर रास्ता निकालना चाहिए।
पीएम मोदी के दौरे पर बोले नेताम
अरविंद नेताम ने नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर कहा कि नेताओं का दौरा सामान्य बात है। सब राजनीतिक दल अपनी-अपनी चुनावी रणनीति बनाते हैं और जीतने के लिए प्रयास करते हैं। तो मोदी जी करें या कोई दूसरा करे या कांग्रेस के नेता राहुल गांधी तो नई बात नहीं है। ये तो राजनीति का एक अंग है।
सरकार ने रास्ता खोजने किया मजबूर उतरेंगे चुनावी मैदान में
अरविंद नेताम ने इस साल के विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि हमारी पूरी तैयारी है और हम कोई राजिनीतक दल के सरीके नहीं हैं। हमारी सामाजिक आंदोलन को लेकर है और एक नया प्रयोग इस प्रदेश में कर रहें हैं। हम चुनाव में उतरने के पक्ष में नहीं थे लेकिन सरकार ने मजबूर कर दिया कि इसका कोई रास्ता नहीं है इसलिए उतरेंगे चुनावी मैदान में। जीतनी रिज़र्व सीट है उसमें आजमाएंगे। 20 जनरल सीट है जहां 20 हजार से 80 हज़ार आदिवासी पापुलेशन हैं वहां भी आजमाएंगे। दूसरे वर्ग के लोगों को लड़ने का मौक़ा बैनर तले मिलेगा। छोटे-छोटे राजनीतिक दलों से भी बात चल रही है। बसपा, सीपीआई, सीपीएम, गोंडवाना उनसे भी बात कर रहें हैं। तय नहीं हुआ है लेकिन किसी पार्टी के बैनर तले है चुनाव लड़ेंगे।