छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर अरुण साव का पलटवार, बोले- मोहम्मद अकबर को नहीं पता है कि धान से ही चावल निकलता है

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Shivam Dubey
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छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर अरुण साव का पलटवार, बोले- मोहम्मद अकबर को नहीं पता है कि धान से ही चावल निकलता है




नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में चुनावी साल में अब धान खरीदी को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं। मोहम्मद अकबर के धान खरीदी वाले बयान पर अरुण साव ने पलटवार किया है। साव ने कहा कि कांग्रेस का दोहरा चरित्र सामने आता रहता है। मोहम्मद अकबर को ये भी नहीं पता है कि धान से ही चावल निकलता है। साव ने सवाल किया है कि कितनी राशि केंद्र सरकार से धान खरीदी के लिए मिलती है इसका जवाब दें मंत्री। 



क्या कहा साव ने 



छत्तीसगढ़ बीजेपी के ट्विटर हैंडल से अरुण साव का धान खरीदी मामले को लेकर बयान सामने आया है। साव ने कहा है कि धान खरीदी के मामले में जो बात मोहम्मद अकबर ने कही है वो निराधार है। सरकार का दोहरा चरित्र भी यह स्पष्ट रूप से बताता है कि ये विधानसभा में कुछ और बोलते हैं। जनता के बीच आते हैं तो कुछ और बोलते हैं। विधानसभा में सरकार ने स्वीकार किया है कि राज्य सरकार केंद्र सरकार की एजेंसी के रूप में धान की ख़रीदी करती है। सरकार ने यह भी स्वीकार किया है कि धान खरीदी में केंद्र सरकार ने 51 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया है। मोहम्मद अकबर को पता नहीं है कि धान से ही चावल निकलता है और केंद्र सरकार चावल ख़रीद कर भारत के समर्थन मूल्य के आधार पर उसका भुगतान करती है। मोहम्मद अकबर इस प्रकार से भ्रम फैलाना बंद करें। 



मोहम्मद अकबर ने ये कहा है



छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री मोहम्मद अकबर ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बारे में बताया कि धान खरीदी राज्य सरकार की सबसे बड़ी योजना है। धान खरीदी के लिए राज्य सरकार प्रतिवर्ष 20 से 25 हजार करोड़ रूपए का ऋण लेती है। यह ऋण छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) के माध्यम से बैंको एवं नाबार्ड इत्यादि से लिया जाता है। धान खरीदी के लिए केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार को कोई सहायता नहीं दी जाती और न ही कोई अनुदान या ऋण दिया जाता है। बैंकों एवं नाबार्ड से ऋण राज्य सरकार की गारंटी पर दिया जाता है। पूरे देश में छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है, जहां हमारी सरकार बनने के बाद से किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीद के साथ ही प्रतिपूर्ति के रूप में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत् अतिरिक्त राशि प्रदान की जाती है। इस तरह किसानों को धान की कीमत 2500 रूपये प्रति क्विंटल मिल रही है।


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