नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं। उन्होंने आज ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सकारात्मक परिवर्तन वर्ष की लॉन्चिंग कार्यक्रम में हिस्सा लिया है। उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे आर्टिफिशियल इंजीनियरिंग की बात कर रहे हैं लेकिन यह भी जरूरी है कि दिन का कुछ समय मोबाइल से दूर रहकर भी बिताएं।ब्रह्मकुमारी जीवन जीने की कला सिखाते हैं। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और सीएम भूपेश बघेल ने राष्ट्रपति के छत्तीसगढ़ आने पर स्वागत किया है।
राष्ट्रपति सकारात्मक परिवर्तन वर्ष कार्यक्रम की लॉन्चिग में हुई शामिल
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सकारात्मक परिवर्तन वर्ष की लॉन्चिंग कार्यक्रम में हिस्सा लिया है। उन्होंने कहा कि सभी को जय जोहार !
पूरी मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मकुमारी परिवार बहुत अच्छा कार्य कर रहा है। मैं इसके लिए बधाई देती हूँ। सकारात्मक परिवर्तन को लेकर ओडिशा में यह कार्यक्रम शुरू हुआ है और मैं आज यहाँ आप सभी के बीच में भी हूँ। दूसरी ओर एक अत्यंत गम्भीर विषय है कुछ दिन पहले नीट की तैयारी कर रहे दो विद्यार्थियों ने अपने जीवन, अपने सपनों अपने भविष्य का अंत कर दिया। ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए बल्कि हमें प्रतिस्पर्धा को सकारात्मक रूप से लेना चाहिए हार-जीत तो होती रहती है। स्वर्णिम युग का स्वप्न जो हम देख रहे हैं रामराज्य के लिए हमें राम बनना होगा, सीता बनना होगा।
ब्रह्मकुमारी सिखाते हैं जीवन जीने की कला
महामहिम राष्ट्रपति ने आगे कहा कि मेरी आध्यात्मिक यात्रा में भी ब्रह्मकुमारी संस्था ने मेरा बहुत साथ दिया है। जब मेरे जीवन में कठिनाई थी तब मैं उनके पास जाती थी। उनका रास्ता कठिन है पर कष्ट सहने से ही कृष्ण मिलते हैं इसलिए धैर्य का जीवन जीना चाहिए। कष्ट सहकर ही हम सफलता हासिल कर सकते हैं। ब्रह्मकुमारी का रास्ता मुझे बहुत अच्छा लगा। आप सहजता से काम करते हुए आप अपनी जिंदगी को बेहतर तरीके से जी सकते हैं। जिंदगी जीने की कला वो सिखाते हैं। आत्मविश्वास ही ऐसी पूंजी है जिससे हम अपना रास्ता ढूँढ सकते हैं। हम सभी टेक्नालाजी के युग में जी रहे हैं।
देश को आत्मनिर्भर बनाने वोकल फॉर लोकल
राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा कि सकारात्मक सोच से दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं जब कोई समाज सकारात्मक बदलाव को अपनाता है तब वह और अधिक मजबूत हो जाता है। हम सभी जानते हैं कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है। जब तूफ़ान चलता है तो वही पेड़ सुरक्षित रहता है जो झुकना जानता है। इसलिए हमें परिस्थितियों के अनुसार ढलना चाहिए। देश को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'वोकल फॉर लोकल' का नारा उठाया गया है। मकसद है कि देश में हर चीज तैयार हो। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी 'आत्मनिर्भर भारत' की वकालत करते हैं।
सीएम बोले– कोई अपना आया है
सीएम भूपेश बघेल ने महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत करते हुए कहा कि आज राष्ट्रपति, पूरे देश की मुखिया के आगमन से हम छत्तीसगढ़ के लोग विशेष आत्मीयता का अनुभव कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे कोई अपना, अपने ही घर आया है। यह प्रदेश एक आदिवासी प्रदेश है, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग भी बहुत बड़ी संख्या में यहां निवास करते हैं। यह प्रदेश किसानों का प्रदेश है, यह वंचितों का प्रदेश है। सभी वंचितों को न्याय मिले, यह संविधान की भावना है।
छत्तीसगढ़ की बहुत लंबी सीमा ओडिशा से लगती है, इसलिए उत्कल संस्कृति के साथ हमारी सबसे अधिक साझेदारी है।हमारा रहन-सहन, खान-पान, आचार-विचार सबकुछ एक जैसा है। यहां तक की हमारा संघर्ष भी ओडिशा के वंचितों के संघर्ष जैसा ही है।