राजपुर में सिंहदेव की दो टूक - जिन्होंने अपमान किया उन्हें माफ़ी नहीं, 90 में एक सामरी सीट को मैं भूल गया, ना दखल ना जवाबदेही 

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Yagyawalkya Mishra
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राजपुर में सिंहदेव की दो टूक - जिन्होंने अपमान किया उन्हें माफ़ी नहीं, 90 में एक सामरी सीट को मैं भूल गया, ना दखल ना जवाबदेही 


Surguja। राजपुर में कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए डिप्टी सीएम सिंहदेव ने दो टूक अंदाज में बलरामपुर विधानसभा और सामरी विधानसभा को लेकर अपनी राय बेलौस रखी है। डिप्टी सीएम सिंहदेव ने बलरामपुर विधानसभा के विधायक बृहस्पति का नाम लिए बग़ैर कहा है जिन्होंने माता पिता का अपमान किया उन्हे माफ़ी नहीं मिलेगी, वहीं सामरी विधानसभा के विधायक चिंतामणि महाराज को लेकर कहा है कि, 90 में से एक सामरी विधानसभा को मैं भूल गया। कुछ भी कहने आग्रह करने नहीं आउंगा जो जनता कार्यकर्ता फ़ैसला करना चाहे करे। डिप्टी सीएम सिंहदेव ने कार्यकर्ताओं से संवाद में पाँच साल तक किसी भी कार्यकर्ता का कोई काम नहीं होने और अपमान का ज़िक्र किया और माफ़ी माँगते हुए कहा सिर्फ़ इस वजह से आप लोगों का काम नहीं हुआ कि आप लोग मुझसे जुड़े हुए थे। 



क्या कहा डिप्टी सीएम सिंहदेव ने



 डिप्टी सीएम सिंहदेव कार्यकर्ताओं से भेंट मुलाक़ात कार्यक्रम में राजपुर पहुँचे थे। राजपुर सरगुजा के बलरामपुर ज़िले का वह क़स्बा है जहां बलरामपुर ज़िले की दोनों विधानसभा (बलरामपुर और सामरी ) की सीमाएँ मिलती हैं। कार्यकर्ताओं का आक्रोश दोनों विधानसभा के विधायकों को लेकर था। पहले कार्यकर्ताओं ने अपनी बात कही।कार्यकर्ताओं ने विशेषकर सामरी विधानसभा के कार्यकर्ताओं ने यह तक कह दिया कि, इस बार सिंहदेव वोट देने के लिए उन्हे स्वतंत्र करें। इसके बाद डिप्टी सीएम सिंहदेव ने सबसे पहले बलरामपुर विधानसभा के विधायक बृहस्पति सिंह का नाम लिए बग़ैर कहा 



“मुझे जो कहना है कहिए, लेकिन मेरे माता पिता का अपमान सार्वजनिक मंच से करेंगे तो कभी समझौता नहीं हो सकता।आज तक मेरे ख़िलाफ़ व्यक्तिगत बहुत लोगों ने बहुत कुछ किया मैंने कभी उसको राजनीति के क्षेत्र में बीच में आने नहीं दिया।लेकिन एक घटना ऐसी घटी है छत्तीसगढ़ में, कि सीमा पार कर के किसी ने मेरे उपर आरोप लगाया जान के ख़तरे का आरोप लगाया, वहाँ पर समझौता नहीं हो सकता। आगे क्या होगा ये पब्लिक जाने।आगे क्या होगा ये पार्टी जाने लेकिन मेरी ओर से वहाँ समझौता नहीं हो सकता।"



 इसके ठीक बाद डिप्टी सीएम सिंहदेव ने सामरी विधानसभा विधायक चिंतामणि का ज़िक्र करते हुए कहा 



“जो लोग आज जेल में हैं वो उनके यहाँ गए और उसके बाद वो ( चिंतामणि ) फिसल गए।उन्हें कहा गया कि दोनों दरवाज़ा खुला रखो, मेरी तरफ़ से उनके लिए दरवाज़ा हमेशा खुला था।मेरी ओर से कोई विचार नहीं था, लेकिन उन्होंने दूरी बना ली। बीच में तो यह था कि दुआ सलाम भी नहीं होता था, वो हिचक जाते थे इधर उधर चले जाते थे। आजकल थोड़ा सा चालू हुआ है।लेकिन जैसा कि कार्यकर्ताओं की बात आई तो मैं यह कह रहा हूँ कि,90 में से एक इस विधानसभा ( सामरी ) पर ना जवाबदेही रहेगी ना  दख़ल रहेगा।”



क्यों कहा सिंहदेव ने



डिप्टी सीएम सिंहदेव ने आख़िर ऐसा क्यों कहा तो इसका जवाब यह है कि, बृहस्पति सिंह ने सार्वजनिक रुप से मंत्री सिंहदेव को लेकर कहा कि, वे उनकी हत्या कराना चाहते हैं। बृहस्पति सिंह ने विधानसभा में भी यह आरोप लगा दिए। बृहस्पति सिंह ने यह आरोप उस कथित रोड रेज की घटना को लेकर लगाए थे जो घटना अदालत में प्रमाणित ही नहीं हुई थी। कांग्रेस के भीतरखाने यह स्थापित रुप से माना गया कि, सीएम पद के लिए ढाई साल की दावेदारी को हल्का करने टी एस सिंहदेव के खिलाफ झूठे आरोप लगवाए गए। रोड रेज की घटना जो कि कोर्ट में प्रमाणित ही नहीं हुई उसमें जिस तरह सीएम भूपेश बघेल विधायक बृहस्पति सिंह के साथ नज़र आए, और जिस तेज़ी से तत्कालीन पुलिस अधिकारियों ने इस घटना को लेकिन अति सक्रियता दिखाई उसने इन बातों को और मज़बूती दी कि, बृहस्पति सिंह के आरोप प्रायोजित  हैं।



सामरी विधायक चिंतामणि महाराज को लेकर डिप्टी सीएम सिंहदेव ने जो जिक्र ‘जेल वालों’ का किया, लेकिन कांग्रेस के भीतरखाने यह चर्चा है कि ढाई साल की बात को खारिज करने और सिंहदेव के प्रभाव को और उन्हे कमजोर करने के लिए सिंहदेव के विधायकों को जब पाले में लेने की बात हुई तो विधायकों को पाले में लेने के लिए सारे संसाधनों से लैस जो ट्रेन चली थी उसे पैलेस समर्थक सूर्यकांत एक्सप्रेस कहते हैं। चर्चाएँ हैं कि यह रायपुर से ही रवाना हुई थी।



सिंहदेव की बात के मायने क्या हैं



डिप्टी सीएम सिंहदेव का दखल सरगुजा संभाग ही नहीं बल्कि उत्तर छत्तीसगढ़ में व्यापक रुप से है। पाँच साल अनवरत अपमान ना केवल खुद सिंहदेव ने बल्कि सिंहदेव की वजह से उनके समर्थकों ने झेला। यह अपमान हर मुमकिन स्तर पर हुआ। डिप्टी सीएम सिंहदेव ने इस अपमान का ज़िक्र भी कार्यकर्ताओं से किया और कहा 



“मुझे पता है कि, लोगों के काम नहीं हुए। किसी कार्यकर्ता का किसी का जो मुझसे जुड़ा हुआ था उनके कोई काम पाँच बरस में नहीं हुए। सीधा कहा जाता था तुम वहाँ से जुड़े हो तुम्हारा काम नहीं होगा। मैं पाँच साल पहले आप लोगों से इस भरोसे पर ही साथ माँगा था कि, सीएम बनना नहीं बनना अलग बात है लेकिन सम्मान सबका होगा काम सबका होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”



उत्तर छत्तीसगढ़ में जो कि सिंहदेव का गढ़ है वहाँ उनके और उनके समर्थकों का हर मुमकिन अपमान हुआ। सिंहदेव एक बार फिर बतौर कार्यकर्ता कांग्रेस के लिए वोट माँग रहे हैं लेकिन जिन कुछ सीटों पर चेहरा बदला जाना ही जीत का एकमात्र विकल्प होगा जिनमें बलरामपुर विधानसभा टॉप पर है। जबकि सामरी विधानसभा में कार्यकर्ताओं का आक्रोश ही सिंहदेव से कहलवा गया है कि जो भी फ़ैसला कार्यकर्ता करेगा मेरी कोई दख़लंदाज़ी नहीं होगी। 90 में से इस एक सीट को मैं भूल गया।


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