नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में मानसून में कई जिलों में लगातार बारिश होने से बाढ़ जैसे हालात हैं।तो वहीं सरगुजा समेत 10 जिले अभी भी बारिश को तरस रहे हैं। बहुत से जिलों में एनीकट और बांध लबालब पानी से भरे हुए हैं। बीजापुर और सुकमा जिले में दो से तीन बार बाढ़ से गिर चुके हैं।
बारिश को तरस रहे कई जिले
छत्तीसगढ़ में मानसून को आए लगभग सवा महीने से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन अभी भी कई जिलों में बारिश ना के बराबर हुई है। सरगुजा संभाग में अब तक सामान्य बारिश से 68% कम बारिश हुई है। यहां एनीकट और बांध अभी भी खाली पड़े हुए हैं। खेतों तक पानी नहीं पहुंचने से खेतों में दरार पड़ गई है। एक तरफ जहां धान की खेती के लिए खेतों को लबालब होना चाहिए। वहीं सरगुजा के खेत सूखे पड़े हुए हैं। उत्तरी छत्तीसगढ़ के सरगुजा, कोरिया, सूरजपुर, रायगढ़, जशपुर, कोरबा जांजगीर और मध्य छत्तीसगढ़ के कबीरधाम, बेमेतरा जिलों में कम बारिश आंकी गई है।
बीजापुर– सुकमा बाढ़ से घिरे
बीजापुर और सुकमा के साथ-साथ 5 जिलों में ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। पिछले 10 दिनों में यह जिले दो से तीन बार बार से गिर चुके हैं। इन जिलों में इस प्रकार बारिश हुई है कि गोदावरी नदी के 59 गेट खोले जा चुके हैं। गोदावरी के बैकवॉटर से कोटा में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है। किसके कारण कोटा नगर के बगल से गुजरती सबरी फर्स्ट वार्निंग पारकर नगर मुख्यालय से सीडब्ल्यूसी जाने वाले मार्ग से संपर्क टूट गया है। गुरुवार की रात से तेलंगाना और महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ का सड़क संपर्क कट गया है। यहां के एनएच 30 में पानी भरा हुआ है जिससे लोग फंसे हुए हैं।
राजधानी समेत 5 जिले ग्रीन और ब्लू जोन में
राजधानी रायपुर समेत उत्तरी छत्तीसगढ़ के बिलासपुर मुंगेली में अच्छी खासी बारिश दर्ज की गई है। रायपुर और बस्तर संभाग के अधिकांश जिले ग्रीन और ब्लू जोन में है। इन इलाकों में सामान्य उससे ज्यादा बारिश दर्ज हुई है रायपुर समेत 5 जिले ऐसे हैं जहां सामान्य से 25 से 61% ज्यादा बारिश हुई है इनमें बालोद, राजनांदगांव, सुकमा, बीजापुर, रायपुर शामिल हैं।