नितिन मिश्रा, RAIPUR. राजधानी में हर साल मच्छर उन्मूलन के लिए एक करोड़ रुपए नगर निगम खर्च करता है। बावजूद इसके राजधानी में डेंगू और मलेरिया से शहर के लोगों की हालत खराब है। डेंगू इन दिनों तेजी से शहर के साथ पूरे राज्य में फैल रहा है। नगर निगम के पास बड़ी मशीनों के साथ छोटी मशीनें भी हैं, लेकिन शहर में नियमित रूप से फॉगिंग नहीं हो रही है।
साल में एक करोड़ का बजट
राजधानी रायपुर के सभी 70 वार्डों को मच्छर मुक्त बनाने के लिए नगर निगम का सालाना बजट एक करोड़ रुपए है। सभी जोनों में मशीनों के माध्यम से मच्छरों के उन्मूलन की व्यवस्था है। लेकिन फिर भी शहर मच्छर मुक्त नहीं हो पा रहा है। नगर निगम के पास 2 बड़ी मशीनों के साथ कई छोटी मशीनें भी हैं। फिर भी शहर में नियमित रूप से फॉगिंग नहीं हो रही है। डेंगू का संक्रमण लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है। नगर निगम के द्वारा किसी भी प्रकार की मच्छर मारने की दवा का छिड़काव करने की पुख्ता व्यवस्था नहीं की गई है। मच्छरों से छुटकारा पाने में नगर निगम असफल रहा है। शहर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। जिससे मच्छरों की संख्या में दुगनी वृद्धि हो रही है।
मौत के बाद खुली निगम की आंखें
रायपुर नगर निगम क्षेत्र के पुरानी बस्ती, गोपाल नगर, गुढियारी, जनता कालोनी सबसे बदतर हालत में गुजर रहीं हैं। नगर निगम के लाखे नगर वार्ड में एक व्यक्ति की डेंगू के चलते प्राइवेट अस्पताल में मौत हो गई। वहीं एक महिला को जान भी डेंगू ने ले ली। इसके बाद नगर निगम की आंखे खुली और शहर में फॉगिंग का काम कुछ जगहों पर शुरू किया गया। कई इलाकों में शिविर लगाकर जांच की गई। जिसमें कई बुखार के मरीज चिन्हित हुए हैं।
महापौर निकाल रहे प्रगति यात्रा
रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर इन दिनों शहर के हर वार्डों में जाकर लोगों से बात–चीत कर रहें हैं। इसे प्रगति यात्रा नाम दिया गया है। महापौर खुद जाकर लोगों की वार्ड वार समस्या सुन रहें हैं। साथ ही चार सालों में शहर में हुए विकास कार्यों की गाथा जनता तक पहुंचाने का जिम्मा उन्होंने स्वयं उठाया है। बढ़ते डेंगू संक्रमण को देखते हुए महापौर ने निगम के आला अधिकारियों के साथ आज बैठक भी करेंगे। लेकिन सवाल यह उठता है कि आपदा के समय ही निगम की कुंभकरणीय नींद क्यों खुलती है।