नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में सीएम भूपेश बघेल ने नगर निगम सीमा क्षेत्र की ओद्योगिक इकाइयों को संपत्ति कर भार से मुक्त कर दिया है। इसके बाद से नगर निगम सीमा क्षेत्र में संचालित 79 उद्योग कर मुक्त हो गए हैं। अब इससे नगर निगम को खासा नुकसान झेलना पड़ेगा। हर साल नगर निगम को 53 लाख रुपए का घाटा लगेगा।
हर साल निगम वसूलता है 53 लाख रुपए टैक्स
नगर निगम सीमा क्षेत्र में 79 उद्योग संचालित हो रहें हैं। इनसे नगर निगम को अच्छी– खासी रकम प्राप्त होती थी। हर साल वसूले जाने वाले इस कर्ज से नगर निगम के कार्यों में खर्च होते हैं। निगम क्षेत्र के यतियतन लाल वार्ड स्थित गोंदवारा में 3 औद्योगिक इकाईयां संचालित है, इनमें 21 लाख 28 हजार 364 रुपए संपत्ति कर प्राप्त होता है। बंजारी माता वार्ड के भनपुरी इलाके में लगी है, जिनसे नगर निगम को हर साल 31 लाख 84 हजार 498 रुपए का संपत्ति कर मिलता है। जोन 8 के वीर सावरकर वार्ड के हीरापुर, सोनडोंगरी में 10 कारखाने संचालित हो रहे हैं, जिनसे 11 लाख 68 हजार रुपए मिलते हैं। इसी प्रकार संत कबीर दास वार्ड के गोगांव में 10 कारखाने संचालित हो रहे हैं, इनसे हर साल 8 लाख 29 हजार 704 रुपए संपत्ति कर की वसूली होती है।
मुफ्त की रेवड़ी निगम को पड़ेगी महंगी
रायपुर में नगर निगम द्वारा निगम की आय बढ़ाने के लिए आए दिन नए प्रयास किए जाते हैं। विकास कार्यों के लिए कई बार निगम के पास फंड समाप्त हो जाते हैं। आय के नए स्रोत बनाने के लिए नगर निगम पार्किंग के पैसे भी वसूलता है। लेकिन दूसरी ओर सरकार द्वारा ओद्योगिक इकाइयों को कर मुक्त करने से नगर निगम को हर साल 53 लाख रुपए का नुकसान झेलना पड़ेगा।