छत्तीसगढ़ में कई विभागों ने चयन, नियुक्ति और प्रमोशन को लेकर मांगा मार्गदर्शन, सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण वाले आदेश पर फंसा पेंच!

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Shivam Dubey
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छत्तीसगढ़ में कई विभागों ने चयन, नियुक्ति और प्रमोशन को लेकर मांगा मार्गदर्शन, सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण वाले आदेश पर फंसा पेंच!






Raipur. छत्तीसगढ़ में कई विभागों ने अपने अपने प्रमुख सचिव से होने वाले नियुक्ति, चयन और प्रमोशन को लेकर मार्गदर्शन मांगा है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण वाले आदेश के बाद यह पेंच और ज्यादा फंसता दिखाई दे रहा है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के 1 मई 2023 के आरक्षण को लेकर आदेश के बाद 3 मई 2023 को आदेश जारी किया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार नियुक्ति और चयन किया जाना है। अब कई विभागों के प्रमुख ने जायज मार्गदर्शन मांगा है कि जो प्रमोशन होने है उन्हें किस आधार पर पूरा करें। 



कई विभागों ने मांगा मार्गदर्शन



सामान्य प्रशासन विभाग ने जब आदेश जारी किए तो कई विभागों ने वापस मार्गदर्शन मांगे हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के लेटर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने को कहा गया है। जिसके बाद विभागों के प्रमुखों ने प्रमुख सचिव को लेटर लिखते हुए मार्गदर्शन मांगा है कि किस आधार पर प्रमोशन दिया जाए, पूर्व के अनुसार या सुप्रीम कोर्ट के जारी (1 मई 2023 के निर्देश) आदेश के अनुसार। जिन विभागों ने मार्गदर्शन मांगा है उनमें अभियोजन विभाग और गृह विभाग (पुलिस विभाग) के नाम शामिल है। दोनों विभागों ने अपने अपने प्रमुख सचिव को पत्र लिख कर मार्गदर्शन मांगे हैं।



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क्या है मामला?



छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 1 मई 2023 को पुराने आरक्षण के हिसाब से नियुक्ति, चयन और प्रमोशन करने के निर्देश जारी किए थे। इसके बाद यह साफ हो गया कि पुराने रोस्टर के अनुसार ही प्रशासन को कार्य का निर्वहन करना होगा। अब छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन विभाग 2 दिन बाद ही 3 मई 2023 को सभी विभागों को लेटर जारी कर नियुक्ति एवं चयन के लिए रोस्टर का पालन करने को कहा। अब इस लेटर के बाद अधिकारी अटकते हुए दिख रहे हैं क्यों कि लेटर में प्रमोशन का जिक्र कहीं नहीं था। अभी अधिकारियों- कर्मचारियों के डीपीसी यानी डिपार्टमेंट प्रमोशन कमिटी से प्रोमोशन करने की प्रक्रिया चल रही है। कहीं न कहीं प्रमोशन में आरक्षण या रोस्टर का पालन नहीं करना एसटी एससी वर्ग के साथ भेदभाव की स्थिति पैदा कर सकता है। 



आरक्षण को लेकर क्या थे सुप्रीम कोर्ट के आदेश



राज्य शासन के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलील दी कि यदि याचिकाकर्ता को चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और पदोन्नति करने की अनुमति नहीं दी गई तो प्रशासन के पास जनशक्ति की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा। जिस पर 1 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए साफ साफ आदेश दिए थे कि अगर सरकार के पास राज्य में मैन पावर नहीं होगा तो प्रशासन कैसे चलेगा?  इसलिए, हम राज्य को चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और नियुक्तियां और पदोन्नतियां करने की अनुमति देते हैं।




डीपीसी ने कर दिए प्रमोशन



छत्तीसगढ़ में डीपीसी यानी डिपार्टमेंट प्रमोशन कमिटी ने हाल ही में गृह विभाग के ASI को SI प्रमोशन दिया है। जिसके लिए 21 अगस्त 2023 को लिस्ट जारी कर दी गई है। इस लिस्ट में यह साफ लिखा है कि यह पदोन्नति सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में एस एल पी (सी) क्रमांक 19668/2022 के अंतिम आदेश के अध्याधीन बदली जा सकती हैं। खबरें है कि आने वाले 1-2 दिन के भीतर DSP को एडिशनल एसपी, SI को TI और TI को DSP पदोन्नत करने की प्रकिया चल रही है। अब सवाल यह है कि जब विभागों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर मार्गदर्शन मांगा है, तो फिर यह प्रमोशन किस आधार पर हो रहे हैं। क्या इसमें कोर्ट की अवहेलना जैसी कोई बात है?


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