छग में विज्ञान के विद्यार्थी नहीं चुन पाएंगे भूगोल और अर्थशास्त्र, चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत चुनना होता है दूसरा विकल्प

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Shivam Dubey
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छग में विज्ञान के विद्यार्थी नहीं चुन पाएंगे भूगोल और अर्थशास्त्र, चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत चुनना होता है दूसरा विकल्प

नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में विज्ञान के विद्यार्थी भूगोल अथवा अर्थशास्त्र विषय नहीं चुन पाएंगे।  चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत  विद्यार्थियों को दूसरे विभाग के एक विषय को चुनना होता है। नई शिक्षा नीति के तहत इसकी शुरुआत ऑटोनोमस कालेजों में की गई है। 




विद्यार्थी नहीं चुन पाएंगे कला संकाय के विषय 



मिली जानकारी के मुताबिक साइंस कॉलेज के छात्रों को इस बार भूगोल अथवा अर्थशास्त्र विषय का चयन करने की सुविधा नहीं मिल पाएगी। चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत विद्यार्थियों को दूसरे संकाय के एक विषय को चुनना होता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ऑटोनॉमस महाविद्यालयों में इसकी शुरुआत की गई है। इसके अंतर्गत साइंस कॉलेजों के छात्रों को कला संकाय के भूगोल या अर्थशास्त्र का विकल्प मौजूदा सत्र में प्रदान किया जाना था। उच्च शिक्षा विभाग ने बीते सत्र में इसके लिए प्रस्ताव भेजा था। यह विषय विद्यार्थियों के मूल विषयों की तरह ही है। जिसके अंक अन्य विषयों की तरह ही मिलेंगे। यदि किसी कक्षा में 5 विषय है तो 4 विषय उस संकाय के और एक विषय दूसरे संकाय का चुनना आवश्यक है। 




किसी भी विद्यार्थी के लिए नही हुआ लागू 



जानकारी के अनुसार महाविद्यालय में पहली मेरिट लिस्ट 26 जून को जारी की गई थी। उच्च शिक्षा विभाग ने इसके बाद चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत संचालित होने वाले विषयों की अनुमति दी थी। जिन छात्रों के नाम पहली मेरिट लिस्ट में थे। उनको अतिरिक्त विषय चुनने को नहीं मिला। छात्रों को मिलने वाले अवसर में एकरूपता बनी रहने के लिए अन्य विद्यार्थियों को भी इसकी सुविधा नहीं मिलेगी। अब सत्र 2024–25 में विद्यार्थी इन विषयों के साथ पढ़ाई कर सकेंगे।


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