BHOPAL. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। एनएसयूआई मेडिकल विंग के संयोजक व छात्र नेता रवि परमार सोमवार को नर्सिंग स्टूडेंट्स को लेकर PNB मुख्यालय पहुंचे। रवि परमार ने पीएनबी बैंक से 10 हजार रुपए लोन देने की गुहार लगाई है, ताकि वे जमानत की राशि भर सकें।
नर्सिंग घोटाले की वजह से लाखों छात्र-छात्राओं का भविष्य दांव पर
पीएनबी बैंक के शाखा प्रबंधक को संबोधित पत्र में रवि परमार ने लिखा है कि, ‘मैं रवि परमार छात्र नेता भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) से जुड़ा हूं। महोदय को ज्ञात हो कि हाल ही में मध्य प्रदेश में नर्सिंग घोटाला हुआ है जिसकी वजह से लाखों छात्र-छात्राओं का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। चूंकि मैं स्वयं एक नर्सिंग छात्र हूं, प्रदेश के नर्सिंग छात्र-छात्राओं की समस्याओं को देखते हुए उनके भविष्य को सुरक्षित करने के और दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर मैंने आवाज उठाई। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने मेरे ऊपर ढेर सारे मुकदमे दर्ज कर दिए गए।’ लोन के लिए आवेदन पत्र में रवि परमार ने आगे लिखा, ‘नर्सिंग छात्रों के भविष्य के लिए आवाज उठाने के कारण मुझे 5 से ज्यादा बार पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं 2-3 बार जेल भेज चुकी है। लेकिन अभी तक फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
मैं जुर्माने के 10 हजार रुपए जमा करने की स्थिति में नहीं हूं
लोन के लिए आवेदन में रवि परमार ने भाजपा के मंत्रियों पर निशाना साधते हुए लिखा, ‘इन सब के बीच अब मुझे शिक्षा माफियाओं द्वारा नर्सिंग छात्र-छात्राओं की लड़ाई लड़ने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। इसी मंशा के साथ पुलिस प्रशासन द्वारा मुझे 10 हजार रुपए की राशि 06 जून 2023 दोपहर 12 बजे तक जमा करने का आदेश जारी किया गया है। अन्यथा मुझे 6 माह के लिए कारावास में बंद करने के आदेश दिए गए हैं। मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से आता हूं और 10 हजार रुपए जमा करने की आर्थिक स्थिति में नहीं हूं। आप मुझे आपके बैंक से 10 हजार रुपए का लोन देने की कृपा करें। मैं देश का एक जिम्मेदार नागरिक हूं और संवैधानिक मूल्यों के साथ साथ नैतिक मूल्यों को अपने जीवन में सबसे ऊपर रखता हूं।’
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मुझे लोन दीजिए, मैं नीरव मोदी की तरह देश छोड़कर नहीं भागूंगा
परमार ने बैंक को भरोसा दिलाया है कि लोन की रकम लेकर वह नीरव मोदी की तरह देश छोड़कर नहीं भागेंगे, बल्की बैंक के नियम अनुसार सूत-समेत चुकाएंगे। परमार ने गुजारिश करते हुए लिखा कि यदि आप मुझे 10 हजार रुपए लोन देंगे तो न सिर्फ मैं झूठे मुकदमे में जेल जाने से बच जाऊंगा, बल्की मैं लाखों नर्सिंग छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी नहीं होने दूंगा। साथ ही दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई भी करवा सकूंगा। इस दयाभरे कार्य के लिए मैं और मेरे सभी छोटे भाई बहन (नर्सिंग छात्र छात्राएं) हमेशा आपके आभारी रहेंगे।