मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में शुक्रवार से नई सरकार के गठन के बाद विधानसभा का पहला सत्र शुरू होगा। इससे पहले गुरुवार (18 जनवरी) को राजस्थान में नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक होगी। इस बैठक में राज्यपाल की अभिभाषण को मंजूरी दी जाएगी और उसके अलावा कुछ और महत्वपूर्ण फैसला होने की उम्मीद भी है। वहीं विधानसभा सत्र सुचारू ढंग से चलने के लिए राजस्थान में पहली बार विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की ओर से सर्वदलीय बैठक का आयोजन भी किया जा रहा है।
भजनलाल सरकार की पहली कैबिनेट बैठक
राजस्थान में नई सरकार का गठन होने के लगभग डेढ़ महीने बाद शुक्रवार से राजस्थान विधानसभा का पहला औपचारिक सत्र शुरू होगा। राज्यपाल कलराज मिश्रा के अभिभाषण से इस सत्र की शुरुआत होगी। इस अभिभाषण को राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी देने के लिए आज राजस्थान की भजनलाल सरकार की पहली कैबिनेट बैठक भी होगी।
कई अहम फैसलों पर लगेगी मुहर
मुख्यमंत्री कार्यालय में सुबह 11 बजे होने वाली इस बैठक में राज्यपाल के अभिभाषण को मंजूरी देने के साथ ही कुछ और महत्वपूर्ण फैसले भी किए जा सकते हैं। इनमें देश में आपातकाल के समय बंदी बनाए गए मीसा और डी आर आई बंदियों की पेंशन शुरू करना, राजस्थान मे आरएएस भर्ती परीक्षा को आगे बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों की मांग पर विचार, नई सरकार की उसे पेश किए जाने वाले लेखानुदान पर चर्चा और भाजपा के संकल्प पत्र को नीतिगत दस्तावेज बनाए जाने के बारे में निर्णय किया जा सकते हैं। चर्चा है कि AG और AAG की नियुक्ति को लेकर भी कैबिनेट में निर्णय हो सकता है। वहीं, पिछली सरकार के अंतिम 6 माह के निर्णयों की समीक्षा के लिए कमेटी गठित की जा सकती है। इसके अलावा खास तौर पर राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को अवकाश घोषित करने को लेकर कैबिनेट में अहम फैसला लिया जा सकता है।
पहली बार सर्वदलीय बैठक
दूसरी बैठक विधानसभा को सुचारू चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की अध्यक्षता में विधानसभा में सर्वदलीय बैठक होगी। यह बैठक दोपहर 2 बजे विधानसभा में होगी। इस बैठक में सभी राजनीतिक पार्टियों के उन विधानसभा सदस्यों को आमंत्रित किया है, जो चुनाव जीत कर आए हैं। इसमें प्रमुख पार्टियों के दो-दो विधायक और स्थानीय राजनीतिक दलों के एक-एक विधायक को आमंत्रित किया गया है। हालांकि, इस सर्वदलीय बैठक का राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए बहिष्कार किया है।