JAIPUR. तीन साल के इंतजार के बाद ऐन चुनाव से पहले राजस्थान कांग्रेस की टीम को सक्रिय करने के लिए पार्टी को कई तरह के वादे करने पड़ रहे हैं। ब्लॉक अध्यक्षों और पदाधिकारियों में अच्छा काम करने वालों को राहुल गांधी से पुरस्कार दिलाने से लेकर अगली बार सरकार बनने पर तीन महीने में राजनीतिक नियुक्तियां देने तक के वादे किए जा रहे हैं। हालांकि, कार्यकर्ता यह पूछ रहे हैं कि यदि राजनीतिक नियुक्तियां का काम सरकार बनने के तीन महीने में हो सकता है तो इस बार तीन साल क्यों लगा दिए?
जिला अध्यक्षों, ब्लॉक अध्यक्षों और मण्डल अध्यक्षों को नियुक्ति हुई है
राजस्थान कांग्रेस में करीब तीन साल के इंतजार के बाद अब जाकर प्रदेश कार्यकारिणी का विस्तार हुआ है, जिला अध्यक्षों, ब्लॉक अध्यक्षों और मण्डल अध्यक्षों को नियुक्ति हुई है। यह वह समय है जब चुनाव सिर पर है और अब पार्टी को निचले स्तर तक सक्रिय करना पार्टी की मजबूरी है। यही कारण है कि पिछले दिनों जब इस नई टीम के लोगों को पार्टी ने जयपुर बुलाया तो इनकी सक्रियता बढ़ाने के लिए कई तरह के वादे भी किए और काम ना करने पर तुरंत बदल दिए जाने का डर भी दिखाया।
ये किए वादे
- पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने चुनाव से पहले टीम को पूरी तरह सक्रिय करने के लिए ये वादे किए हैं...
ये मिली हैं हिदायतें
- सभी उपाध्यक्ष, महासचिव एवं सचिवों के वाट्सएप ग्रुप बनाए जाएंगे जिसमें प्रदत्त दायित्वों के प्रगति रिपोर्ट प्रतिदिन प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। उन्होंने कहा कि इन वाट्सएप ग्रुप में जो पदाधिकारी सूचना नहीं देगा उसे निष्क्रिय माना जाकर हटा दिया जाएगा।
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इस बार राजनीतिक नियुक्तियों में लगे तीन साल
पार्टी कार्यकर्ताओ को सक्रिय करने के लिए तीन माह में राजनीतिक नियुक्तियां करने की बात कर रही है, लेकिन हकीकत यह है कि इस बार यह काम करीब साढे तीन साल बाद हो पाया। पिछले वर्ष फरवरी में जाकर बोर्ड निगमों में राजनीतिक नियुक्तियां हो पाई थी। इससे पहले हालांकि कुछ नियुक्तियां हुई थी, लेकिन उनमें ज्यादातर रिटायर्ड अधिकारियों को नियुक्तियां दी गई थी। हालांकि अभी ज्यादातर नगर सुधार न्यासों और शहरी विकास प्राधिकरणों में सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो पाई है।