मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में लागू स्वास्थ्य बीमा योजना में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आई हैं। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा केन्द्र सरकार द्वारा संचालित आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की ऑडिट में सामने आया है कि राजस्थान में 18.16 करोड़ के क्लेम ऐसे मामलों में पास कर दिए गए, जिनमें लाभार्थियों की उम्र 18 वर्ष से ज्यादा थी, लेकिन उनका उपचार पीडियाट्रिक स्पेशलिटी पैकेज यानी बच्चों की बीमारियों के लिए बनाए गए पैकेज में कर दिया गया। इसी तरह क्लेम जमा होने से पहले ही क्लेम का भुगतान, डिस्चार्ज से पहले ही क्लेम जमा कराने और भुगतान किए जाने जैसी अनियमितताएं भी पकड़ी गई हैं।
राजस्थान में लागू हैं चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना
दरअसल राजस्थान में केन्द्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना को चिंरजवी स्वास्थ्य बीमा योजना के नाम से चलाया जाता है। केन्द्र सरकार जहां पांच लाख तक का बीमा देती है, वहीं राजस्थान सरकार इसमें 20 लाख और बढ़ा कर 25 लाख तक का बीमा देती है।
राजस्थान का डाटा नहीं जाता केन्द्र के पास
चूंकि राजस्थान ने खुद के नाम से योजना संचालित की हुई है, इसलिए राजस्थान उन छह राज्यों में शामिल है, जिसका डाटा केन्द्र सरकार की नेशनल हैल्थ अथॉरिटी (एनएचए) के पास नहीं जाता। यानी राजस्थान में इस योजना के कितने लाभार्थी इसका डाटा एनएचए नहीं रखता। राजस्थान में लाभार्थियों के लिए आधार के स्थान जन आधार को लाभार्थी आईडी के रूप में मान्यता मिली है। ऐसे में एनएचए के पास लाभार्थियों की आईडी भी नहीं है। खुद के नाम से योजना चलाने के कारण दूसरे राज्यों में जिस तरह की गड़बड़ियां जैसे मृतक लाभार्थियों के नाम से क्लेम उठाया जाना या एक ही समय में दो अस्पतालों में मरीज को भर्ती दिखा कर क्लेम उठाए जाने जैसी गड़बड़ियां राजस्थान के मामले में सीएजी की इस ऑडिट में सामने नहीं आई पाई हैं, लेकिन फिर जांच के दौरान वेलिडेशन सम्बन्धी कुछ गड़बडियां सीएजी ने पकड़ी हैं।
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यह अनियमितताएं आई सामने
राजस्थान में सीएजी ने आठ जिलों के 65 अस्पतालो मे सैंपल जांच की थी और जनवरी-फरवरी 2022 में जांच के दौरान निम्न अनियमितताएं सामने आईं
- 21 लाख रूपए के 281 क्लेम ऐसे थे, जिनमें क्लेम बाद में सबमिट किया गया और भुगतान पहले ही कर दिया गया।