JAIPUR. राजस्थान में नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में सरकार ने आपातकाल के राजनीतिक बंदियों की पेंशन फिर से शुरू कर दी वहीं राजस्थान प्रशासनिक सेवा की मुख्य परीक्षा आगे बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों की मांग भी मान ली गई है। इसके साथ ही सरकार ने पिछली सरकार के अंतिम छः माह में किए गए फैसलों की समीक्षा कराने और सरकारी दरों से अलग हट कर कराए गए कामों की समीक्षा कराने का निर्णय भी किया है।
स्वस्ति वाचन से शुरू हुई बैठक
कैबिनेट बैठक में आज एक नई परंपरा की शुरुआत भी हुई। बैठक से पहले पूजा पाठ और स्वस्ति वाचन किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों को तिलक लगाया गया।
ये हुए फैसले
बैठक में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और जोगाराम पटेल ने बताया कि राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) की मुख्य परीक्षा की डेट बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। यह परीक्षा जून या जुलाई में कराई जाएगी। इस परीक्षा के अभ्यर्थी परीक्षा की तिथि बढ़ाने की मांग लंबे समय से कर रहे थे। मीसा बंदियों की पेंशन फिर से शुरू कर दी गई है। बीजेपी सरकार के समय आपातकाल के राजनीतिक बंदियों को लोकतंत्र रक्षक सम्मान निधि के नाम से पेंशन दी जा रही थी। कांग्रेस सरकार ने इसे बंद कर दिया था। अब इसे फिर से शुरू किया जाएगा। यह पेंशन बंद ना हो इसके लिए सरकार बिल भी लाएगी। गहलोत सरकार के आखिरी 6 महीने में लिए गए निर्णयों का रिव्यू किया जाएगा। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है जो तीन महीने में रिपोर्ट सौंपेगी। साथ ही पिछली सरकार के समय जो काम सरकार की निर्धारित दर के बिना कराए गए है उनकी जांच भी होगी।
22 जनवरी की नहीं होगी छुट्टी
गहलोत सरकार ने भी अपने घोषणा पत्र को कैबिनेट की पहली बैठक में रखवा कर उसे सरकारी दस्तावेज घोषित करवाया था। इसी तरह भजनलाल शर्मा की कैबिनेट ने भी संकल्प पत्र को नीतिगत दस्तावेज घोषित किया है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दिन 22 जनवरी को राजस्थान में छुट्टी नहीं होगी। किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि इस दिन कोई छुट्टी नहीं होगी और सामान्य ढंग से काम होगा।