साइबर ठगों के खिलाफ राजस्थान पुलिस ने चलाया दो दिन तक अभियान, कुल 28 FIR दर्ज कर 240 अपराधियों को गिरफ्तार किया

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Pooja Kumari
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साइबर ठगों के खिलाफ राजस्थान पुलिस ने चलाया दो दिन तक अभियान, कुल 28 FIR दर्ज कर 240 अपराधियों को गिरफ्तार किया

JAIPUR. राजस्थान में पुलिस की ओर से पिछले दो दिन में साइबर के खिलाफ अभियान चलाकर बड़ी कार्रवाई की गई। पुलिस ने इस दौरान साईबर अपराधियों के विरुद्ध राज्य में कुल 28 एफआईआर दर्ज कर 240 अपराधियों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि राज्य में साइबर अपराधियों के खिलाफ पहली बार अभियान चलाकर कार्रवाई की गई है।

पुलिस ने चलाया दो दिनों का अभियान

राजस्थान पुलिस की ओर से पिछले दिनों साइबर अपराध पर रोक लगाने के लिए हेथकोन का आयोजन किया गाया था और इसी में जो उपाय बताए गए उसके आधार पर पुलिस ने 2 दिन का अभियान चलाया। अभियान के लिए साइबर अपराध शाखा व महानिरीक्षक पुलिस रेंज एवं जिला पुलिस द्वारा आपस में समन्वय स्थापित कर राज्य स्तर पर दबिश दी गई। महानिदेशक साइबर क्राईम डॉ. रविप्रकाश मेहरडा ने बताया की पुलिस अधीक्षक, साइबर क्राईम सुधीर चौधरी के निर्देशन में 14C नई दिल्ली से प्राप्त डेटा का विशलेषण कर टीम ने इस कारवाई को अंजाम दिया। इसमें करीब 475 संदिग्ध साइबर अपराधियों को दस्तयाब किया गया। इनसे पुलिस की विभिन्न साइबर क्राइम टीमों द्वारा पूछताछ की जा रही है। साईबर अपराधियों के विरुद्ध राज्य में कुल 28 एफआईआर दर्ज कर 240 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। अपराधियों से 152 मोबाईल, 104 एटीएम कार्ड, 89 सिम कार्ड, 10 चैकबुक, 40 बैंक पासबुक, 01 मोटरसाईकिल, 06 लैपटॉप, 01 कार, व 4,85,000/- रुपये जब्त किए गए हैं।।

इसके अतिरिक्त राज्य में साईबर अपराधियों के विरुद्ध निम्न कार्यवाही की गई :-

  • उदयपुर - फर्जी एस्कॉर्ट के अवैध धंधे में संलिप्त व्यक्तियों के 17 फोन, 19 एटीएम (उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल से संबंधित सिम की बिक्री एवं खातों की जांच की जा रही है)
  • डूंगरपुर - फर्जी एस्कॉर्ट सर्विस मामले में गिरफ्तारी की गई है, जिन्हें बैंगलौर पुलिस को सुपुर्द किया जाएगा) जिनके विरुद्ध गुजरात में भी कई प्रकरण दर्ज है ।
  • अजमेर और जोधपुर में फर्जी कॉल सेंटर में शामिल लोगों का भंडाफोड़ (खुलासा) किया गया।
  • जिला अलवर में छापेमारी कर दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु से संबंध रखने वाले साईबर ठगों के विरुद्ध 5 प्रकरण (एफआईआर) दर्ज किए गए।
  • डीग में छापेमारी कर उत्तरप्रदेश से साईबर ठगों से संबंध रखने वाले 29 लोगों को गिरफ्तार कर 9 एफआईआर पंजीबद्ध कर 49 मोबाईल फोन, 35 सीम कार्ड, 31 एटीएम कार्ड, 7 चैकबुक, 10 बैंक पासबुक, 1 हुंडई कार व 4.85 लाख रुपये नकद जब्त किए गए।
  • जिला दौसा में छापेमारी कर 3 एफआईआर पंजीबद्ध कर 24 साईबर ठगों को गिरफ्तार किया गया।
  • जयपुर दक्षिण - करोड़ों रुपए की ऑनलाईन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफास 13 युवतियां व 07 युवक गिरफ्तार एवं 48 कंप्युटर मोबाईल फोन सिम कार्ड वीजा कार्ड बैंक पासबक एटीएम कार्ड लैपटॉप बरामद।
  • जोधपुर पश्चिम में फर्जी कॉल सेन्टर में शामिल लोगों का भंडाफोड़ किया। जिसमें 1 पुरुष व 8 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से 26 सिम कार्ड 60 कंपनी के फर्जी कार्ड भारी मात्रा में वाहनों का रिकॉर्ड जब्त किया गया।
  • इंस्टाग्राम पर फर्जी ज्योतिषियों के मामलों की भी जांच की जा रही है।
  • देश भर से प्राप्त 9 शिकायतों में फैशन उत्पाद की एवज में भुगतान लेने एवं उत्पाद वितरित नहीं करने वाले घोटालेबाजों को गिरफ्तार किया गया।
  • ई मित्र संचालकों के AePS घोटालों में संलिप्त होने के संबंध में खुलासा किया गया, जिसमें कई शिकायतों में ई मित्र संचालको की भूमिका संदिग्ध पाई गई ।
  • लड़की के प्राइवेट फोटो के लिए लड़की को ब्लैकमेल करने का मामला प्रमाणित पाए गए जिन पर कार्यवाही जारी है।
  • डॉ. रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया की संदिग्धों की जांच में अन्य राज्यों की साइबर शाखा से समन्वय स्थापित कर, यहां पकडें गए अपराधी, वांछित होने पर उन राज्यों को प्रोडक्शन वारंट पर सुपुर्द किए जाएंगे तथा अन्य राज्यों में पकडें गए साइबर अपराधी राजस्थान में वांछित होने पर प्रोडक्शन वारंट लिए जाएंगे।

आगे यह होगी कार्यवाही

अतिरिक्त महानिदेशक क्राईम दिनेश एम एन ने बताया कि साइबर ठगों के विरुद्ध जिलों में अविलंब एफआईआर दर्ज की जाकर क्राईम ब्रांच द्वारा इन प्रकरणों का निकटत्तम सुपरविजिन किया जाऐगा। साईबर अपराधियों के डोजियर खोलकर सख्त निगरानी की जायेगी। जांच के दौरान संगठित गिरोह द्वारा अपराध का खुलासा होने पर सूचना एसओजी को दी जाएगी। राज्य में संचालित सिम बिक्री करने वाले (POS) द्वारा फर्जी तरीके से सिम विक्रय करने पर उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। साइबर अपराध में बैंक कर्मियों की संलिप्तता पाए जाने पर ऐसे बैंक कर्मियों के विरुद्ध भी सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी। संदिग्ध बैंक खातों एवं बैक कर्मचारियों की मिलीभगत उजागर करने के लिए बैंक के उच्च अधिकारीयों से मीटिंग कर समन्वय स्थापित किया गया है।

इस तरह के सायबर अपराध सामने आए

डॉ. रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया कि साईबर ठगों की प्रमुख कार्यप्रणाली में टेलीग्राम जॉब धोखाधड़ी, टेलीग्राम कार्य आधारित प्रोत्साहन, फर्जी एस्कॉर्ट सेवा, सेक्सटॉर्शन, बाजार स्थानों पर चीजें बेचना, क्रिप्टोकरंसी आधारित मनी ट्रेडिंग, ग्राहक सेवा, सस्ते सामान के लिए नकली विज्ञापन, चीनी ऋण ऐप्स, ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म आदि शामिल हैं।

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