JAIPUR. राजस्थान हाईकार्ट ने गैर-आरएएस (RAS) से आईएएस (IAS) पदोन्नति में कोटा तय करने के दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। मुख्य न्यायाधीश एजी मसीह और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए। सात जुलाई को इस पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी।
क्या कहता है द इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस रूल ?
राज्य सरकार को मुख्य न्यायाधीश और जस्टिस की खंडपीठ ने पदोन्नति के लिए भेजे अफसरों के नामों पर आगे की कार्रवाई ना करने के आदेश दिए गए थे। इस दौरान अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कहा कि राज्य सरकार केवल विशेष परिस्थितियां होने पर ही बाकी सेवाओं के अधिकारियों को आईएएस में पदोन्नत कर सकती है। इसमें राज्य स्तर पर सिविल सर्विसेज के करीब 33 प्रतिशत कोटे का 15 प्रतिशत अन्य सेवाओं से ले सकती है। सरकार ने कहा कि वह 1954 के रिक्रूटमेंट नियम के हिसाब से अभी तक प्रमोशन करती आई है। बता दें कि इस नियम के तहत राज्य सरकार केन्द्र सरकार की सलाह से अन्य सेवाओं के विशेषज्ञ अधिकारियों की आईएएस पद पर नियुक्ति कर सकती है।
जून में सभी विभागों से आए नामों की स्क्रीनिंग की मीटिंग हुई
फरवरी 2023 में राज्य सरकार ने सभी विभागों को पत्र लिखा था, जिसमें उन्हें पांच पात्र व्यक्तियों के नाम भेजने को कहा था। उसके बाद मई में सुनवाई के दौरान सरकार ने जवाब के लिए समय मांगा था। 13 जून को इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए सभी विभागों से आए नामों की स्क्रीनिंग के लिए मीटिंग की गई थी।