जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस सरकार के समय आयोजित किए गए राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल अब जांच के घेरे में है। राजस्थान की मौजूदा भाजपा सरकार ने इन खेलों के आयोजन की जांच कराने का निर्णय किया है। राजस्थान के नए खेल एवं युवा मामलात मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने मंगलवार को विधानसभा में प्रश्न कल के दौरान एक सवाल के जवाब में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन खेलों के आयोजन में बजट से चार गुना ज्यादा पैसा खर्च कर दिया गया और 126 करोड़ की तो सिर्फ टी शर्ट खरीद ली गई।
प्रश्नकाल के दौरान उठा मामला
राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को प्रश्न काल के दौरान बसपा के विधायक मनोज न्यायागली ने राजस्थान में वर्ष 2022 और 2023 में हुए राजीव गांधी ग्रामीण एवं शहरी ओलंपिक खेलों में हुए खर्च के बारे में सरकार से जानकारी मांगी थी। इसका जवाब देते हुए खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि ग्रामीण और शहरी ओलंपिक खेलों की जांच को हम तैयार हैं। राठौड़ ने कहा कि इन आयोजनों पर विभागीय बजट से चार गुणा ज्यादा पैसा खर्च हुआ है। करीब 126 करोड़ की तो केवल टी-शर्ट खरीदी गई हैं। मंत्री ने साफ किया कि इन खेलों के आधार पर किसी को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। राठौड़ ने कहा कि यह चिंता और चिंतन का मुद्दा है कि विभाग का जितना बजट है उसका चार गुणा पैसा खर्च हुआ। कोई स्टेडियम नहीं बना, कोई असेट नहीं बनाया, 126 करोड़ केवल टीशर्ट खरीदने में खर्च हुआ। किन कंपनियों से ये खरीद हुई, टेंडर प्रक्रिया सही थी या नहीं इन सबकी जांच करवाई जाएगी।
सरकार ने ये दिया खर्च का ब्यौरा
राजस्थान में कांग्रेस सरकार के दौरान वर्ष 2022 और 2023 में राजीव गांधी ग्रामीण और शहरी ओलंपिक खेलों का आयोजन किया गया था। वर्ष 2022 में सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में ओलंपिक खेल आयोजित किए गए और 2023 में इनका आयोजन शहरों और ग्रामीण क्षेत्र दोनों जगह किया गया। वर्ष 2022 में सरकार ने इस आयोजन पर 40 करोड़ रुपए खर्च किए, जबकि 2023 में 155.46 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च कर दी गई। आयोजन के तहत प्रदेश के सभी गांव और शहरों में टेनिस बॉल क्रिकेट से लेकर कबड्डी और खो- खो जैसे खेलों का आयोजन किया गया।
रिकॉर्ड वर्ल्ड बुक में नाम दर्ज करने के लिए ही कर दिए लाखों खर्च
यह आयोजन क्योंकि प्रदेश स्तर पर हर गांव में आयोजित हुआ था इसलिए सरकार ने इस आयोजन को वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में शामिल करने के लिए ही लाखों रुपए खर्च कर दिए। वर्ष 2022 में इसके लिए 1.75 लख रुपए का भुगतान किया गया। वही 2023 में इसके लिए डेढ़ करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया। इसी तरह मेडल खरीदने के लिए 3.58 करोड़ खर्च कर दिए गए।