हंगामे के बीच आधा घंटे में पांच कानून पारित राजस्थान विधानसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित

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The Sootr CG
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हंगामे के बीच आधा घंटे में पांच कानून पारित राजस्थान विधानसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित





JAIPUR. राजस्थान विधानसभा में बुधवार को BJP विधायक मदन दिलावर के निलंबन और बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की लाल डायरी की जांच की मांग को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। हंगामे के बीच ही सत्ता पक्ष ने पांच महत्वपूर्ण विधेयक बिना चर्चा के पारित करा लिए और विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। माना जा रहा है आज यानी बुधवार को राजस्थान की 15वीं विधानसभा का अंतिम दिन था।





पिछले सोमवार को राजस्थान विधानसभा हंगामे के साथ स्थगित हुई थी और बुधवार को जब विधानसभा की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो उसकी शुरुआत हंगामे के साथ ही हुई। जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने प्रश्नकाल में ही पार्टी के विधायक मदन दिलावर को सदन से निलंबित किए जाने का विरोध करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बीच से लेकर विवाद भी हुआ। राठौड़ की मांग थी कि मदन दिलावर का निलंबन वापस लिया जाए वहीं BJP के अन्य विधायकों ने मदन नहीं तो सदन नहीं के नारे बुलंद किए। इस दौरान BJP विधायक वेल में भी आए और नारेबाजी की। स्पीकर सीपी जोशी ने संसदीय परंपराओं का हवाला देते हुए नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर से कहा कि वे उन्हें शून्य काल में अपनी बात रखने का अवसर देंगे लेकिन प्रश्नकाल बाधित करने की परंपरा राजस्थान विधानसभा में नहीं रही है इसलिए प्रश्नकाल को चलने दें। स्पीकर की बात के बाद BJP विधायक शांत हो गए और प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू हो गई।





शून्य काल में हुआ हंगामा





प्रश्नकाल के बाद शून्य काल में स्पीकर सीपी जोशी द्वारा दी गई व्यवस्थाओं के बाद उन्होंने राजेंद्र राठौड़ को अपनी बात कहने का अवसर दिया। राठौड़ ने कहा कि पिछले सोमवार सदन में जो कुछ हुआ था उसमें हमारे विधायक मदन दिलावर का कोई लेना-देना नहीं था। जो कुछ भी हो रहा था वह सत्तापक्ष के दोनों गुटों के बीच हो रहा था। इसलिए हमारे विधायक का निलंबन वापस लिया जाए और मुख्यमंत्री ने राजस्थान में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों के बारे में जो कुछ ट्वीट किया है उसे देखते हुए राजस्थान में महिलाओं के साथ अपराध पर चर्चा कराई जाए। 





अपनी बात कहते हुए राठौर में लाल डायरी का भी जिक्र कर दिया और कहा कि राजेंद्र गुढ़ा लाल डायरी सदन में रखना चाहते थे पर उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने राठौड़ की बात का पुरजोर विरोध किया और इसी को लेकर दोनों पक्षों के बीच हंगामा शुरू हो गया। इसे देखते हुए स्पीकर सीपी जोशी ने सदन की कार्रवाई आधा घंटे के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद जब सदन जुड़ा तो विधायक को जनहित के कुछ मुद्दे उठाने का मौका मिला हालांकि भारतीय जनता पार्टी के विधायकों का हंगामा इस दौरान भी जारी रहा और वो वैल में खड़े होकर नारेबाजी करते रहे। शून्य काल की कार्यवाही पूरी होने के बाद स्पीकर सीपी जोशी ने सदन फिर आधा घंटे के लिए स्थगित किया और आधा घंटे बाद जब सदन फिर जुड़ा तो उन्होंने विधाई कार्य शुरू करा दिए। BJP विधायकों का हंगामा और नारेबाजी इस दौरान भी जारी रहे और इस हंगामे के बीच ही सत्ता पक्ष ने राजस्थान टेनेंसी संशोधन अधिनियम, नाथद्वारा मंदिर के विकास के लिए लाए गए नाथद्वारा मंदिर संशोधन विधेयक, राजस्थान में किसानों को साहूकारों और वित्तीय संस्थाओं से मिले कर्ज में राहत देने के लिए राजस्थान राज्य ऋण राहत आयोग विधेयक, जोधपुर में दिव्यांगों के लिए महात्मा गांधी दिव्यांग यूनिवर्सिटी की स्थापना संबंधी विधेयक और विद्युत शुल्क में ₹1 तक और विद्युत पर लगने वाले सेस में 50 पैसे तक की बढ़ोतरी के लिए लाए गए राजस्थान विद्युत शुल्क विधेयक को बिना चर्चा के पारित करा लिया। इसके साथ ही स्पीकर सीपी जोशी ने विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी।





इस तरह राजस्थान की 15वीं विधानसभा जो 5 वर्ष पहले अस्तित्व में आई थी वह अब अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है। माना जा रहा है आज मौजूदा विधानसभा का अंतिम दिन था। सरकार ने इस छोटे से सत्र में 15 से ज्यादा विधयेक पारित कर आए हैं और अब कोई महत्वपूर्ण कानून पास होने से बचा नहीं है ऐसे में सत्र को वापस बुलाए जाने की संभावना नहीं के बराबर है।



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